के.के. वर्मा, लखनऊ
पूरे देश में किसान हित में कई सरकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इन योजनाओं का लाभ किसानों को आसानी से मिल सके इसके लिए सरकार द्वारा किसानों की फार्मर आईडी बनाई जा रही है। उद्देश्य भले ही नेक है लेकिन फार्मर आईडी बनवाना किसानों के लिए बड़ा ही कठिन काम साबित हो रहा है।
किसान जन सेवा केंद्र से लेकर तहसील के कर्मचारियों के चक्कर लगाते-लगाते परेशान हैं, ऊपर से अंतिम तारीख का ऐलान।
किसान जन सेवा केंद्र से लेकर तहसील के कर्मचारियों के चक्कर लगाते-लगाते परेशान हैं, ऊपर से अंतिम तारीख का ऐलान। तमाम किसान पात्र होने के बावजूद अपनी किसान सम्मान निधि गंवा बैठेंगे, यह आशंका सम्बंधित किसानों को सता रही है। दिन में जन सेवा केन्द्र और रात में अपने मोबाइल पर फार्मर आईडी बनाने खातिर आंख गड़ाए रहते हैं और नतीजा शिफर। पहली बार होगा कि पात्र अपात्र दर्ज हो जायेंगे। कृषि और राजस्व महकमे सीधे किसानों से जुड़े हैं, उनके ही पास असल दस्तावेज और वेरिफिकेशन के अधिकार हैं। किसानों ने केवाईसी करा रखा है, आधार और मोबाइल नंबर भी लिंक कराया है। उन्हें केसीसी बैंक ने जारी कर रखे हैं। जाहिर है कि उनके भूमि सम्बन्धी दस्तावेज वेरिफाइड हैं और उनकी भूमि बैंक में बंधक है। इतना सब होने के बावजूद किसानों को आखिर इधर उधर दौड़ने के लिए मजबूर करना काश्तकारों को अखर रहा है।
यह समस्या किसी एक गांव, एक जिले या फिर एक सूबे की नहीं बल्कि समूचे देश की है। हर जगह सर्वर डाउन होने का रोना रोया जा रहा है। किसान तो सर्वर प्रॉब्लम ठीक करने की कूबत रखता नहीं। राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष रविन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि किसानों की हितैषी सरकार वो मानी जाती है जो उन्हें उनके घर पर खुद सरकारी अहलकारों को भेज उनकी समस्या का निदान करे। लेखपाल के पास किसान लेखा जोखा होता है, इतना ही नहीं वो अपने हल्के के किसान से बखूबी वाकिफ भी होता है। जिला कृषि अधिकारी और कलेक्टर चाहे तो किसान को भटकना नही पड़ेगा। प्रधानमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री से किसान आस लगाये हैं कि वो किसानों की मदद खातिर 2018 में शुरू की गई किसान सम्मान निधि को लेकर किसानों को सहूलियत प्रदान करते हुए किसी कृषक की निधि की किश्त रोकी न जाये।
असलियत में पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ लेने वाले किसानों के लिए फार्मर आईडी बनवाना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में जिन किसानों की फार्मर आईडी नहीं बनेगी उन्हें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की अगली किस्त यानि की 19वीं किस्त नहीं मिलेगी। किसानों को किसी भी सरकारी योजना का लाभ वन क्लिक में मिल जाए इस हेतु किसानों की आईडी बनवाई जा रही है। आईडी बनी होने से वास्तविक किसानों का डाटा सरकार के पास रहेगा। कार्ड बनने के बाद किसान का एक यूनिक आईडी नंबर जनरेट होगा, जिसमें हर खातेदार का खसरा, हिस्सा, मोबाइल नंबर, आधार संख्या, ई-केवाईसी विवरण रहेगा तथा भू-अभिलेख में परिवर्तन होने पर पोर्टल पर जानकारी स्वतः ही अपडेट हो जाएगी। किसानों की फार्मर आईडी बन जाने से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि सहित केंद्र सरकार की 6 योजनाओं के लिए अलग- अलग चक्कर नहीं लगाना होगा। सहायता योजना, कृषि ऋण योजना, मुख्यमंत्री किसान स्वास्थ्य कार्ड, कृषि मृदा मशीनीकरण योजना जैसे राज्य सरकार की योजनाओं के लिए अब सिर्फ एक फार्मर आईडी कार्ड ही देना होगा। फार्मर आईडी से किसानों को फार्मर रजिस्ट्री के बाद बार-बार ई केवाईसी करवाने की जरूरत नहीं होगी। फार्मर आईडी के बाद बैंक से डिजिटल केसीसी के माध्यम से अधिकतम 2 लाख तक का लोन तुरंत प्राप्त हो जाएगा। कृषि एवं कृषि से संबंधित विभागों की योजना का लाभ पारदर्शिता के साथ प्राप्त होगा। न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी खरीद के लिए पंजीकरण आसान हो जाएगा।किसान फसल ऋण, फसल बीमा, सम्मान निधि एवं आपदा राहत पाने के हकदार होंगे।
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