यूपी80 न्यूज, लखनऊ
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने योगी सरकार द्वारा 1978 में संभल में हुए दंगे की जाँच कराने के निर्देश पर कहा है कि योगी सरकार को इसी के साथ पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 1968 में मुगलसराय रेलवे स्टेशन पर हुई हत्या की भी जाँच करा लेनी चाहिए।
प्रेस विज्ञप्ति जारी कर शाहनवाज़ आलम ने कहा कि भाजपा दीनदयाल उपाध्याय की 11 फरवरी 1968 को मुगलसराय रेलवे स्टेशन पर संदेहास्पद स्थिति में हुई हत्या की कभी जांच की मांग नहीं करती, क्योंकि उसे लगता है कि इसमें भाजपा के पूर्व जनसंघ के नेताओं की ही भूमिका सामने आ सकती है।
जनसंघ के पूर्व अध्यक्ष बलराज मधोक ने अपनी पुस्तक ‘जिंदगी का सफर’ के तीसरे खंड में दीनदयाल हत्या कांड के संदर्भ में रहस्योद्घाटन किया
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि जनसंघ के पूर्व अध्यक्ष बलराज मधोक ने अपनी पुस्तक ‘जिंदगी का सफर’ के तीसरे खंड में दीनदयाल हत्या कांड के संदर्भ में रहस्योद्घाटन किया था कि उन्हें अपने सूत्रों से पता चला था कि हत्या में जनसंघ के ही कुछ वरिष्ठ नेता शामिल थे और ये पार्टी पर नियंत्रण के लिए चल रहे आंतरिक संघर्ष का नतीजा था।
पुस्तक में मधोक ने यह भी रहस्योद्घाटन किया था कि तत्कालीन सरकार द्वारा इस हत्याकांड की जारी जांच को जनसंघ के दो वरिष्ठ नेताओं ने बाधित किया और उसे ठंडे दिमाग से किए गए हत्या के बजाए एक दुखद दुघर्टना के बतौर प्रचारित किया।
मधोक ने अपने दावे के समर्थन में इस तथ्य को भी पुस्तक में दर्ज किया था कि 1977 में जब जनता पार्टी की सरकार बनी तब सुब्रह्मणयम स्वामी ने तत्कालीन गृहमंत्री चौधरी चरण सिंह से दोबारा जांच की मांग की, लेकिन जनसंघ के मंत्रियों ने इस प्रयास को बाधित कर दिया।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अगर भाजपा सरकार सच में दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्धांजलि देना चाहती है तो बलराज मधोक की पुस्तक में दर्ज तथ्यों के आधार पर उनकी हत्या की जाँच के लिए आयोग गठित करे।
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