यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में पिछले पांच सालों के दौरान (2018 से अब तक) कुल 554 न्यायाधीशों में से 430 सामान्य श्रेणी (Upper caste) के हैं। इनमें महज 58 न्यायाधीश अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी OBC) और 19 अनुसूचित जाति (एससी SC) से हैं। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने पिछले सप्ताह राज्यसभा में भाजपा सांसद सुशील मोदी के एक सवाल का जवाब दिया।
किरेन रिजिजू ने बताया कि अनुसूचित जनजाति ST से मात्र 6 और अल्पसंख्यक वर्ग से 27 न्यायाधीश हैं। इनमें 84 महिला न्यायाधीशों की भी नियुक्ति की गई है। कानून मंत्री ने बताया कि कुल नियुक्तियों में सामान्य श्रेणी upper Caste के न्यायाधीशों की संख्या 77 परसेंट से अधिक है।
हालांकि इस दौरान केंद्रीय कानून मंत्री श्री रिजिजू ने कहा, ‘सरकार सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति में सामाजिक विविधता लाने के लिए प्रतिबद्ध है और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों से अनुरोध करती रही है कि न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव भेजते समय सामाजिक विविधता सुनिश्चित करने के वास्ते, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग और महिलाओं में से उपयुक्त उम्मीदवारों के नाम पर उचित विचार किया जाए।’
2018 से सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की कुल 30 नियुक्तियां हुईं:
2018 – 8 न्यायाधीश
2019- 10 न्यायाधीश
2020- एक भी नहीं
2021 – 9 न्यायाधीश
2022- 3 न्यायाधीश
जिला न्यायाधीशों के आंकड़े:
अनुसूचित जाति से – 612
अनुसूचित जनजाति से – 204
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से – 1329
महिला जज – 1406
सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के सभी जिला व अधीनस्थ अदालतों में:
अनुसूचित जाति से – 1270
अनुसूचित जनजाति से – 465
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से – 2055
महिला जज – 1574
सिविल जज (सीनियर डिवीजन):
अनुसूचित जाति से – 710
अनुसूचित जनजाति से – 278
ओबीसी से – 1251
महिला जज – 1574