लखनऊ
उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में स्थित लखीमपुर खीरी से तीन बार लोकसभा सांसद एवं एक बार राज्यसभा सांसद रह चुके समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रहे रवि प्रकाश वर्मा Ex MP Ravi Prakash Verma का पार्टी से मोह भंग होना सामान्य बात नहीं है। रवि प्रकाश वर्मा Ravi Prakash Verma ने सपा में एक लंबी पारी तय की। लखीमपुर खीरी के गोला निवासी वर्मा सपा के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। माता-पिता सहित वर्मा का परिवार खीरी लोकसभा सीट से 10 बार सांसद रह चुका है। आखिर रवि प्रकाश वर्मा का सपा से मोहभंग क्यों हुआ? इस बारे में उन्होंने यूपी80 से खुलकर बात की। पेश है पूर्व सांसद रवि प्रकाश वर्मा से यूपी80 के बातचीत के प्रमुख अंश:
सवाल:
समाजवादी पार्टी से आप तीन बार लोकसभा सांसद रहे। हारने के बावजूद आपको समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा सांसद बनाया, बावजूद इसके आपने पार्टी छोड़ दी?
जवाब:
समाजवादी पार्टी में काम करने का माहौल नहीं रह गया है, अनुशासनहीनता चरम पर है। नए लोग आ गए हैं। पुराने लोगों की इज्जत नहीं है। संगठन नाम का कोई चीज नहीं है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव जी से इस बारे में कई बार कहा, लेकिन हमारी बातों का कोई संज्ञान नहीं लिया गया।
सवाल:
चर्चा है कि आप आपनी बेटी डॉ.पूर्वी वर्मा को राजनीति में स्थापित करने के लिए कांग्रेस में आए?
जवाब:
देखिए, हमारी बेटी डॉ.पूर्वी वर्मा लोकसभा चुनाव 2019 में सपा-बसपा गठबंधन से चुनाव लड़ी थीं और उन्हें चार लाख वोट मिले थे। उन्हें स्थापित करने की जरूरत नहीं है, बल्कि वह स्थापित हो चुकी हैं।
सवाल:
सपा बनाम कांग्रेस में तू-तू, मैं-मैं चल रहा है। ऐसे में इंडिया गठबंधन का भविष्य क्या होगा?
जवाब:
देखिए, इंडिया गठबंधन समय की मांग है। जनता बीजेपी से त्रस्त है। इंडिया गठबंधन जनता की जरूरत है। इसलिए सबको इंडिया गठबंधन में आना ही पड़ेगा।
सवाल:
बेनी बाबू की तरह कहीं आप भी सपा में वापसी तो नहीं करेंगे?
जवाब:
ये भविष्य बताएगा। फिलहाल जनविरोधी बीजेपी से लड़ने का समय है।
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खीरी संसदीय क्षेत्र का 10 बार प्रतिनिधित्व कर चुका है वर्मा परिवार:
रवि प्रकाश वर्मा के पिता बाल गोविंद वर्मा ने 1962, 1967, 1972 और 1980 में कांग्रेस के टिकट पर खीरी से सांसद निर्वाचित हुए। 1980 में उनके निधन के बाद उनकी पत्नी ऊषा वर्मा ने 1980, 1984 और 1989 में लखीमपुर खीरी से सांसद निर्वाचित हुईं। बाद में ऊषा वर्मा समाजवादी पार्टी में शामिल हो गईं। 1998, 1999 और 2004 में रविप्रकाश वर्मा समाजवादी पार्टी के टिकट पर लखीमपुर का प्रतिनिधित्व किया। सपा ने रवि प्रकाश वर्मा को राज्यसभा सांसद भी बनाया। 2019 में सपा-बसपा गठबंधन के तहत उनकी बेटी डॉ.पूर्वी वर्मा को लोकसभा का टिकट दिया गया, लेकिन वह चुनाव हार गईं। तीन दशक तक सपा में रहने के बाद कांग्रेस में शामिल होना रवि प्रकाश वर्मा के लिए सामान्य बात नहीं है।