यूपी80 न्यूज, लखनऊ
निषाद पार्टी के सुप्रीमो एवं मत्स्य मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद Dr Sanjay Nishad ने रविवार को निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल “निषाद पार्टी Nishad Party” द्वारा आयोजित मछुआ एससी संवैधानिक आरक्षण महाजनसंपर्क अभियान की शुरुआत की। श्री निषाद के नेतृत्व में उनके सरकारी आवास एक विक्रमादित्य मार्ग से लेकर 1090 चौराहा लखनऊ तक पदयात्रा निकालकर अभियान की शुरुआत की गई।
कैबिनेट मंत्री श्री निषाद ने पदयात्रा के दौरान कहा कि मछुआ आरक्षण उत्तर प्रदेश की सभी प्रमुख पार्टियों का एजेंडा रहा है। पूर्व की समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की सरकार ने मछुआ आरक्षण के मामले पर मछुआ समाज को गुमराह करने का काम किया है। उत्तर प्रदेश में जब बहुजन समाज पार्टी की सरकार आती है तो मछुआ समाज की सभी उपजातियों को एससी से निकालकर पिछड़ी में डाल दिया जाता है और जब समाजवादी पार्टी की सरकार आती है तो पिछड़ी से निकालकर अनुसूचित में डाल दिया जाता है। श्री निषाद ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब गोरखपुर से सांसद हुआ करते थे उन्होंने सड़क से लेकर सदन तक मछुआ आरक्षण के मुद्दे को गंभीरता से उठाया था। मछुआ समाज सीएम से काफी अपेक्षा रखता है। उन्होंने कहा कि मछुआ आरक्षण का मुद्दा अन्य विशेष मुद्दों की तरह जल्द हल किया जाएगा।
श्री निषाद ने बताया कि आजादी से पूर्व और आजादी के बाद भी साल 1931 1941, 1951 ,1961, 1971, 1981 और 1991 तक उत्तर प्रदेश राज्य में मछुआ समाज की सभी उपजातियों की गिनती मझवार और तुरैहा में कराई जाती रही है, किंतु पूर्व की सरकारों ने मछुआ समाज के दोहन के लिए बिना संसद में संशोधन के बिना मछुआ समाज की सभी उपजातियों को अनुसूचित से निकालकर पिछड़े में डाल दिया और पूर्व की सरकारों द्वारा इस मुद्दे पर केवल वोट बैंक को राजनीति की गई है।
श्री निषाद ने बताया कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री ने आरजीआई “रजिस्ट्रार जनरल ऑफ़ इंडिया” को मछुआ आरक्षण के संबंध में पत्र लिखकर जानकारी मांगी थी, आरजीआई ने कहा है कि उत्तर प्रदेश राज्य में केवट, मल्लाह, बिंद समेत 17 जातियां मछुआ समाज की उपजातियां है।