यूपी 80 न्यूज़, सोनभद्र
साढ़े 11 वर्ष पूर्व कन्हौरा जंगल में हुई पुलिस नक्सली मुठभेड़ के दौरान पकड़े गए हार्डकोर नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा और अजीत कोल को अदालत ने आजीवन कारावास व 25-25 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर दो- दो वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक 23/24 मई 2012 को मुखबिर खास के जरिए यह सूचना मिली कि कनछ कन्हौरा के जंगल में कुछ नक्सली अपराधियों की चहल कदमी देखी गई है। जो किसी गंभीर अपराध को अंजाम देने की फिराक में हैं। इतना ही नहीं उनके साथ अन्य प्रांतों के नक्सली संगठन के लोग आकर बैठक कर रहे हैं। तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सुभाष चंद्र दुबे ने पुलिस को चोपन थाने पहुंचने का निर्देश दिया। थोड़ी ही देर बाद पुलिस अधीक्षक सुभाष चन्द्र दुबे भी फोर्स के साथ चोपन थाने पहुंच गए। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एसओजी और सीआरपीएफ फोर्स को मौके पर बुलाया गया। चोपन थाने पर ही टीम बनाई गई। पहली टीम का नेतृत्व एसपी सुभाष चंद्र दुबे खुद कर रहे थे, दूसरी टीम का नेतृत्व सीओ ओबरा अनिल कुमार यादव कर रहे थे। सभी लोग असलहों से लैस होकर बुलेट प्रूफ जैकेट और अन्य सामग्रियों के साथ कनछ जंगल की तरफ बढ़े तो कुछ दूरी पर कुछ लोग असलहे के साथ बैठे हुए दिखाई दिए। जब एसपी साहब ने नक्सलियों को आत्मसमर्पण करने को कहा तो नक्सलियों ने पुलिस बल के ऊपर अंधाधुंध फायर करने लगे। अपना बचाव करते हुए पुलिस बल ने भी फायरिंग शुरू कर दी। करीब दो घंटे हुई मुठभेड़ के बाद पुलिस ने नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा उर्फ विद्रोही उर्फ रामवृक्ष पुत्र तिलकधारी निवासी समाबाध , कम्हारडीह, थाना राबर्ट्सगंज, जिला सोनभद्र और अजीत कोल उर्फ अभिषेक उर्फ हरिशंकर कोल पुत्र बहादुर कोल निवासी सनाइत, थाना नौगढ़, जिला चंदौली को गिरफ्तार किया। तलाशी करने पर उनके कब्जे से भारी मात्रा में प्रतिबंधित असलहा और 55 जिंदा कारतूस बरामद हुआ।
हार्डकोर नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा के ऊपर यूपी, एमपी, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ में 10 लाख का इनाम था। सिर्फ यूपी में तीन लाख का इनाम था। वहीं अजीत कोल के ऊपर 50 हजार का इनाम था।