यूपी 80 न्यूज़, लखनऊ
विधानसभा में केजीएमयू व लोहिया संस्थान में आरक्षण के अनुरूप भर्ती न करने के मुद्दे पर भाजपा व सपा के बीच तीखी बहस हुई। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और सपा के लालजी वर्मा में जुबानी जंग छिड़ गई। सपा ने इस मुद्दे पर सदन से वाकआउट किया। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने साफ किया कि भर्ती में आरक्षण नियमों का पूरी तरह पालन कराया जाएगा।
मंगलवार को सदन में सपा के लालजी वर्मा ने कार्यस्थगन के जरिए यह मामला उठाया। उनका कहना था कि केजीएमयू और लोहिया संस्थान में पिछड़ों, दलितों के हकों पर डाका डाला गया। यह दोनों संस्थानों में ‘उपयुक्त पात्र नहीं पाए गए के आधार पर आरक्षण के अनुरूप भर्ती नहीं की जा रही है। सपा की डॉ. रागिनी सोनकर ने कहा कि जांच कमेटी में जो लोग रखे गए हैं, उन्होंने भर्ती में आरक्षण का उल्लंघन क्यों होने दिया। अब वही लोग जांच कर रहे हैं। इस तरह ‘पीडीए’ का हक मारा गया है।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक जो चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री भी हैं, उन्होंने कहा कि किसी भी तरह नियुक्तियों में संविधान के तहत आरक्षण नियमों की अनदेखी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि संविधान में प्रदत्त अधिकारों के तहत नियमों के तहत आरक्षण नियमों का पालन किया जा रहा है। भर्ती की जांच के लिए कमेटी बना दी गई है।
बृजेश पाठक ने लालजी वर्मा पर कटाक्ष करते हुए कह दिया कि यह इस तरह के मुद्दे सुर्खियां पाने के लिए उठाते हैं। संसद में आरक्षण और महिला आरक्षण बिल की प्रतियां फाड़ने वाले सपा के सदस्य आज आरक्षण की बात कर रहे हैं। सपा को एक जाति और एक परिवार की पार्टी बताते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि वर्ष 2012 से 2017 के बीच एक आयोग को जाति विशेष का आयोग बना दिया गया था। इसके बाद संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि उनकी सरकार संवैधानिक आरक्षण दिए जाने की पक्षधर है। संविदाकर्मियों को नियमित करने की व्यवस्था नहीं है।
उधर, सदन में आज़मगढ़ के सगड़ी से सपा विधायक डॉ एचएन सिंह पटेल ने मांग की कि संविदा कर्मियों का वेतन काफी कम होता है। अतः उनकी तैनाती उनके जनपद में ही किया जाय।