केके वर्मा, लखनऊ
उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को बलिया के बांसडीह विधानसभा क्षेत्र की भाजपा विधायक केतकी सिंह की टिप्पणी पर प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के विधायकों ने जमकर हंगामा किया। उनकी नाराजगी इस कदर बढ़ी कि सपा के सदस्य वेल में आ गए और सत्ता पक्ष के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए।
सपा विधायक अपनी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के प्रति भाजपा विधायक केतकी सिंह की कथित टिप्पणी से क्षुब्ध थे। राम मंदिर के मुद्दे पर बोलते हुए केतकी सिंह ने अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवाने की घटना का जिक्र करते हुए तत्कालीन सपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के प्रति असम्मानजनक शब्द का इस्तेमाल किया। मेरठ के सरधना से सपा विधायक अतुल प्रधान ने केतकी सिंह के संबोधन में हस्तक्षेप करते हुए अधिष्ठाता मंजु शिवाच से आग्रह किया कि केतकी सिंह ने मुलायम सिंह यादव के प्रति जो अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल किया है उसे कार्यवाही से निकाला जाए और केतकी सिंह को पीठ माफी मांगने का निर्देश दें। अतुल प्रधान के समर्थन में सपा के अन्य विधायक भी खड़े हो गए और सब वेल में आ गए। नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। अधिष्ठाता बार-बार सपा विधायकों से आग्रह करती रहीं कि अगर केतकी सिंह ने कोई असम्मानजनक शब्द का इस्तेमाल किया है तो उसे कार्यवाही से निकाल दिया जाएगा। मगर सपा सदस्य संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने धरना जारी रखा।
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कार्यवाही संभाली और सपा विधायक संग्राम सिंह यादव को स्थिति स्पष्ट करने को कहा। संग्राम सिंह यादव ने कहा कि मुलायम सिंह यादव जैसे बड़े कद के नेता जो आज दुनिया में नहीं हैं, उनपर अपमानजनक टिप्पणी करना उचित नहीं, केतकी सिंह को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए और उस टिप्पणी कार्यवाही से निकलवाना चाहिए। भाजपा की केतकी सिंह ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने मुलायम सिंह यादव के प्रति कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की जबकि सपा के सदस्यों ने उन्हें अपशब्द कहा। इसपर विधानसभा अध्यक्ष ने दोनों आपत्तिजनक शब्दों को कार्यवाही से निकलवाने का आश्वासन देते हुए मामले पर निर्णय सुरक्षित रख लिया।