यूपी 80 न्यूज़, लखनऊ
यूपी के विधानभवन में युवाओं का ऐतिहासिक आयोजन किया गया है। केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित विकसित भारत युवा संसद महोत्सव में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य अतिथि के रूप में युवाओं को संबोधित किया। विधानसभा मंडप, विधान सभा सचिवालय में संपन्न कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से शुरू किए गए माई भारत अभियान के तहत युवाओं की नेतृत्व क्षमता को बढ़ावा देने का संकल्प दोहराया गया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि युवा संसद का उद्देश्य केवल यह नहीं कि आप नेता बनें, बल्कि आपके भीतर नेतृत्व का गुण पैदा हो, आप विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका, व्यापार, या किसी भी क्षेत्र में जाकर समाज की सेवा कर सकते हैं। जब आप लीक से हटकर कुछ नया और अतिरिक्त करते हैं, तो समाज के लिए प्रेरणा बनता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए युवा साथियों का इस मंच पर स्वागत है। गौरव का क्षण है। इस कार्यक्रम में 240 युवाओं का चयन किया गया है। जो आज देश की सबसे बड़ी विधायिका में चर्चा का हिस्सा बने हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में 2019 से शुरू हुई युवा संसद की यह पहल जीवन के हर क्षेत्र में नेतृत्व गुण विकसित करने के उद्देश्य से आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने भारत के संसदीय लोकतंत्र की व्याख्या करते हुए कहा कि इसके तीन स्तंभ विधायिका, कार्यपालिका, और न्यायपालिका हैं। विधायिका नीति बनाती है तो कार्यपालिका उसे लागू करती है। न्यायपालिका नियमों की विवेचना करती है। ये तीनों मिलकर सुशासन के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करते है। विधानमंडल में जनप्रतिनिधि नियमों के तहत अपनी बात रखते हैं और यही प्रक्रिया देश की नीतियों और कानूनों को आकार देती है। अगर कहीं कोई शिकायत है तो जनता के पास कार्यपालिका और न्यायपालिका के मंच भी उपलब्ध हैं। यह व्यवस्था लोकतंत्र की ताकत है।
मुख्यमंत्री ने संविधान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 26 नवंबर 1949 को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने संविधान सभा को इसका मसौदा सौंपा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 नवंबर 2015 से इसे संविधान दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की, जिससे हम अपने संविधान निर्माताओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त कर सकें। संविधान 140 करोड़ भारतीयों को बिना भेदभाव के मताधिकार का अवसर प्रदान करता है। संविधान हमें अधिकारों के साथ कर्तव्यों का बोध कराता है। केवल अधिकारों की मांग से राज्य तबाह हो जाते हैं। कर्तव्यों का पालन ही देश को समृद्ध बनाता है।
सीएम योगी ने कहा कि आज से लगभग 30 वर्ष पहले एक बार रामेश्वरम धनुषकोडी गया तो वहां जाने के लिए कोई साधन नहीं मिले। तो मुझे एक छोटा सा ट्रक लेना पड़ा। उस ट्रक से मैं वहां जा पाया इतनी खराब सड़क थी। आज तो प्रधानमंत्री मोदी के कारण वहां कनेक्टिविटी अच्छी हो गई। डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम देश के अंदर भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर राष्ट्रपति भी बने। राष्ट्रपति बनने के पहले उन्हें भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया। लेकिन उनका जीवन ऐसा नहीं कि केवल सफलताओं से भरा पड़ा था। अपने जीवन की शुरुआत में उन्होंने फाइटर पायलट बनने की इच्छा जताई थी। पास नहीं कर पाए लेकिन हिम्मत नहीं हारे। ऐसे ही आपके जीवन में होगा याद रखना सफलता और असफलता इन दोनों के बीच में बेहतर संतुलन होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने युवाओं से कहा कि जीवन में शॉर्टकट मत अपनाइए। अपनी विरासत पर गौरव कीजिए और नेतृत्व का गुण विकसित कीजिए। आप किसी भी क्षेत्र में जाएं, प्रभावी संवाद और सूत्रबद्ध कार्य से सफलता पाएं। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष और परिषद के सभापति को धन्यवाद देते हुए इस आयोजन को ऐतिहासिक बताया। सीएम ने कहा कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है संवाद। जब हम कम शब्दों में अपनी बात को रखते हैं तो किसी को भी प्रभावित कर सकते हैं। बहुत लंबा चौड़ा बोलेंगे तो आप स्वयं इसमें उलझ जाएंगे। हम लोग देखते हैं जो सदस्य छोटा प्रश्न करते हैं वह मंत्री को उलझाने में सफल हो जाते हैं। लेकिन जो बड़ा प्रश्न करता है और प्रश्न पर प्रश्न करता रहता है, उसे पता ही नहीं होता कि मुझे क्या पूछना है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सभापति मानवेंद्र सिंह और विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, मंत्री दानिश आज़ाद अंसारी सहित नेहरू युवा केंद्र, विधानसभा सचिवालय, और संसदीय कार्य विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
