यूपी80 न्यूज, लखनऊ
उत्तर प्रदेश Uttar Pradesh में अब अचल संपत्ति के लिए किसी के नाम पॉवर ऑफ अटार्नी Power of attorney (मुख्तारनामा) करना आसान नहीं होगा। अब आपको रजिस्ट्री की तरह ही स्टांप शुल्क Stamp duty जमा करना होगा। हालांकि परिवार के सदस्यों को इस नियम से मुक्त रखा गया है। यदि परिवार के सदस्य Family members आपस में मुख्तारनामा करना चाहते हैं तो उन्हें मात्र 5 हजार रुपए जमा करने होंगे। मंगलवार को सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।

स्टांप एवं पंजीयन विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल Ravindra Jaiswal ने बताया कि पॉवर ऑफ अटॉर्नी Power of attorney का दूरुपयोग कर बड़े पैमाने पर स्टाम्प ड्यूटी की चोरी की जा रही थी। विशेष तौर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पिछले पांच सालों में एक लाख से ज्यादा पॉवर ऑफ अटॉर्नी हुई, जिसमें ज्यादातर में अचल संपत्ति बेचने का अधिकार दिया गया। इसलिए यह कदम उठाया गया है।
कैबिनेट के सामने इस मामले में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और बिहार का उदाहरण पेश किय गया।
क्या है मुख्तारनामा:
परिवार से अलग किसी व्यक्ति को अचल संपत्ति बेचने का अधिकार देने के लिए मुख्तारनामा किया जाता है। हालांकि इसका पंजीकरण कराना अनिवार्य नहीं है, लेकिन विलेख की प्रमाणिकता के लिए लोग इसका पंजीकरण कराते हैं, जिसमें बड़े पैमाने पर खेल होता था।
अब मुख्तारनामों में बेनामी की तरह ही संपत्ति के बाजार मूल्य के हिसाब से स्टांप शुल्क लगेगा।
परिवार के सदस्यों पर 5 हजार शुल्क:
परिवार के सदस्यों के लिए मुख्तारनामा शुल्क 5 हजार निर्धारित किया गया है।
परिवार के सदस्यों में माता-पिता, पत्नी, पुत्र, पुत्रवधू, पुत्री, दामाद, भाई, बहन, पौत्र-पौत्री, नाती, नातिन को माना गया है, इन्हें बाजार मूल्य पर स्टांप नहीं देना होगा।
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क्यों पड़ी जरूरत:
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर आदि जिलों में मात्र 50 रुपए का स्टांप शुल्क लगाकर संपत्ति की खरीद फरोख्त के लिए एक दूसरे के नाम मुख्तारनामा कराया जाता था। बाद में संपत्ति को आगे बेच दिया जाता था। जिससे सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान होता था।
फिलहाल रजिस्ट्री शुल्क:
वर्तमान में रजिस्ट्री करने पर महिला को 10 लाख की धरनाशि तक के बैनामे पर 4 परसेंट और पुरुष को 5 परसेंट स्टांप शुल्क देना पड़ता है। डेवेलप्ड एरिया में यह शुल्क 7 परसेंट है।
इन्हें 50 रुपए ही देना होगा स्टांप शुल्क:
मंत्री रविंद्र जायसवाल ने स्पष्ट किया है कि यदि पॉवर ऑफ अटॉर्नी में संपत्ति बेचने का अधिकार देने जैसी कोई बात नहीं है तो पहले की तरह 50 रुपए ही स्टांप ड्यूटी लगेगी।
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