बलिराम सिंह, लखनऊ
सामाजिक न्याय की आवाज तो इन दिनों ओबीसी और दलित समाज से आने वाला हर नेता उठा रहा है, लेकिन ये नेता अपनी -अपनी सुविधा के अनुसार इन मुद्दों को उठाता है और अपनी सुविधा के अनुसार ही कई मौकों पर ये नेता मूल मुद्दे पर मौन हो जाते हैं। ऐसे में आज यूपी80 अपने पाठकों को उन सच्चे युवा सामाजिक योद्धाओं से परिचय कराने जा रहा है, जो वास्तव में जमीन पर सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं। ये युवा कोई मंत्री अथवा सांसद- विधायक नहीं हैं, लेकिन समाज में इन युवा योद्धाओं का सम्मान किसी नेता अथवा मंत्री से ज्यादा है।
उत्तर प्रदेश में सामाजिक न्याय के मुद्दों को सबसे ज्यादा मजबूती से उठाने वालों में डा.अनूप पटेल, अनिरूद्ध सिंह विद्रोही, पत्रकार नीरज भाई पटेल, सुनील निषाद, विशंभर प्रजापति, मिथलेश विश्वकर्मा जैसे महत्वपूर्ण चेहरे हैं।
डॉ.अनूप पटेल:
बांदा जनपद के बबेरू विधानसभा क्षेत्र के निवासी डॉ.अनूप पटेल जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से इंटरनेशनल स्टडीज में पीएचडी हैं। इन्होंने जेएनयू जैसे देश की सबसे बेहतरीन यूनिवर्सिटीज में लेफ्ट और राइट के बीच दलित-पिछड़ों की आवाज को बुलंद किया। आपको मालूम हो कि जेएनयू में लेफ्ट और राइट दोनों तरफ समाज के उच्च वर्ग से आने वाले छात्रों का ही वर्चस्व है। ऐसे में देश के सबसे प्रसिद्ध शिक्षण संस्थान में दलित-पिछड़ों की आवाज को मजबूती प्रदान करना बहुत ही संघर्षपूर्ण और चुनौतीभरा कार्य रहा। जिसे डॉ.अनूप पटेल ने कुशलतापूर्वक पूर्ण किया। फिलहाल आप ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। देश में जातिगत जनगणना को लेकर आप सर्वाधिक मुखर हैं। हाल ही में आपने जातिगत जनगणना को लेकर बांदा में एक कार्यक्रम का भी आयोजन किया था। जिसमें भीम आर्मी के प्रमुख सांसद चंद्रशेखर आज़ाद मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे।
पत्रकार नीरज भाई पटेल:
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्यूनिकेशन, दिल्ली के स्टूडेंट रहे नीरज भाई पटेल फिलहाल नेशनल जनमत न्यूज चैनल के प्रबंध संपादक हैं। सामाजिक न्याय की मजबूत आवाज नीरज भाई पटेल की एक-एक वीडियो लाखों में देखी जाती है। नीरज भाई पटेल एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। समाज में फैली कुरीतियों के खिलाफ नीरज भाई पटेल सामाजिक कार्यक्रमों में खुलकर बोलते हैं और उनके भाषण पर दलित-पिछड़े समाज के युवा से लेकर बुजुर्ग तक जमकर तालियां बजाते हैं।
अनिरुद्ध सिंह विद्रोही:
मंडल आर्मी चीफ अनिरुद्ध सिंह विद्रोही मुख्य तौर पर दलित-पिछड़ा वर्ग से आने वाले छात्रों के मुद्दों को प्रमुखता से उठाते हैं। विभिन्न भर्तियों में दलित-पिछड़ा वर्ग के छात्रों के साथ होने वाले पक्षपात को सोशल मीडिया के जरिए सत्ता में बैठे नेताओं तक पहुंचाते हैं। आप इन ज्वलंत मुद्दों को लेकर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की चौखट पर भी बार-बार दस्तक देते रहते हैं।
सुनील निषाद:
सुल्तानपुर निवासी सुनील निषाद ओबीसी महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। आप जाति जनगणना, सामाजिक हिस्सेदारी जैसे प्रमुख सामाजिक मुद्दों को मजबूती से उठाते हैं।
विशंभर प्रजापति:
कुशीनगर के रहने वाले डॉ.विशंभर प्रजापति फिलहाल असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। आप जेएनयू से समाजसशास्त्र से पीएचडी हैं। आप जेएनयू में छात्र संघ का चुनाव भी लड़ चुके हैं। आप जेएनयू में ओबीसी छात्रों द्वारा गठित यूनाइटेड ओबीसी फोरम से भी जुड़े रहे हैं।
मिथलेश् विश्वकर्मा:
हरदोई के रहने वाले मिथलेश विश्वकर्मा ओबीसी महासभा के संस्थापकों में से एक हैं। आप यूपी में ओबीसी महासभा के प्रमुख चेहरों में से एक हैं। वर्तमान में आप ओबीसी महासभा के प्रदेश महासचिव हैं।
नोट: ये वो चेहरे हैं, जो उत्तर प्रदेश के सामाजिक मुद्दों को लगातार उठाते रहते हैं। इनके अलावा लक्ष्मण यादव, प्रो.रतन लाल, हंसराज मीणा जैसे कई प्रमुख चेहरे भी हैं, जो राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक न्याय के मुद्दों को प्रमुखता से उठा रहे हैं। इन प्रमुख चेहरों के बारे में यूपी80 पर प्रकाशित होने वाली अगली कड़ी में आप पढ़ सकते हैं।
सामाजिक न्याय के मुद्दों को उठाने वाले अन्य महत्वपूर्ण लोगों के बारे में जानकारी आप भी हमें भेज सकते हैं। यूपी80 आपके मुद्दों को प्रमुखता से उठाएगा।