यूपी80 न्यूज, लखनऊ
“प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण एवं मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत अपरिहार्य स्थिति को छोड़कर केवल परिवार की महिला मुखिया के नाम से ही पक्के आवास आवंटित किए जाएंगे।” उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने महिला सशक्तिकरण एवं मिशन शक्ति अभियान के दृष्टिगत अधिकारियों को यह निर्देश दिये हैं।
डिप्टी सीएम मौर्य ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जनपद स्तर पर इसकी नियमित समीक्षा करें, जो आवास पुरूष के नाम स्वीकृत हैं, उनके साथ महिला मुखिया का नाम अनिवार्य रूप से आवास सॉफ्ट पर उपलब्ध विकल्प माध्यम से जोड़ा जाए। उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण एवं मुख्यमंत्री आवास योजना -ग्रामीण के अन्तर्गत आवासों का आवंटन महिला मुखिया अथवा पति-पत्नी दोनों के संयुक्त नाम से किया जा रहा है। महिला मुखिया के नाम आवास स्वीकृत किये जाने के पीछे उद्देश्य यह है कि उनके भीतर स्वामित्व का भाव आये तथा समाज की मुख्य धारा से जुड़ सके।
ग्राम्य विकास विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत महिला मुखिया के नाम स्वीकृत आवास 40.14 प्रतिशत हैं तथा पति-पत्नी के संयुक्त नाम से स्वीकृत आवास का प्रतिशत 51.74 है। इस तरह कुल 91.87 प्रतिशत आवास महिला मुखिया अथवा पति-पत्नी दोनो के संयुक्त नाम से स्वीकृत किये गये है। मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अन्तर्गत 29.25 प्रतिशत आवास महिला मुखिया तथा 37.78 प्रतिशत आवास पति-पत्नी दोनों के संयुक्त नाम से स्वीकृत किये गये हैं। कुल 67.03 प्रतिशत आवास महिला मुखिया अथवा पति-पत्नी दोनों के संयुक्त नाम से स्वीकृत किये गये हैं।
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