यूपी80 न्यूज, लखनऊ
प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि विद्युत कार्मिकों व कुछ संगठनों के द्वारा कार्य बहिष्कार के लिए 72 घंटे की उनकी हड़ताल पूरी तरह से असंवैधानिक है एवं राष्ट्र के हित में नहीं है। यह देश एवं प्रदेश के विकास में बाधा बनेगी। ऐसा कृत्य सिर्फ कुछ राष्ट्रविरोधी लोग व ताकतें ही कर सकती हैं। अपनी हठधर्मिता के कारण ऐसी परिस्थिति पैदा किये हैं। कुछ स्थानों से विद्युत आपूर्ति को बाधित एवं क्षतिग्रस्त करने की शिकायतें मिली हैं। असमाजिक तत्वों को सख्त संदेश है कि किसी भी प्रकार का संवेदनहीन एवं राष्ट्र विरोधी कार्य करके वे पृथ्वी, आकाश व पाताल में कहीं पर भी छिप नहीं सकते। उन्हें खोज निकाला जायेगा और कानूनी कार्यवाही करते हुए कठोर दण्ड दिया जायेगा। ऊर्जा मंत्री आज शक्ति भवन में प्रदेश की विद्युत व्यवस्था एवं आपूर्ति के सम्बंध में प्रेसवार्ता कर जानकारी दे रहे थे।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि मैं राज्य की जनता व उपभोक्ताओं को आश्वस्त करता हूं कि प्रदेश में विद्युत आपूर्ति पूरी तरह से नियंत्रण में है। सप्लाई, डिमांड एवं स्थानीय आपूर्ति पूरी तरह से नियंत्रित है। यहां किसी प्रकार की समस्या नहीं है। फिर भी चुनौती और समस्या अभी हैं, इसलिए सभी लोग इस समय धैर्य का परिचय दें। शीघ्र ही इस समस्या का समाधान कर लिया जायेगा। उन्होंने लोगों एवं सभी जन-प्रतिनिधियों से भी अपील की है कि इस समय जो भी कार्मिक व्यवस्था बनाने में सहयोग कर रहे हैं, अपनी जिम्मेदारियों का लगन से निर्वहन कर रहे हैं, ऐसे कार्मिकों का किसी भी प्रकार से उत्पीड़न न हो, इसका ध्यान रखें, बल्कि उनका सहयोग ही करें।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस समय जो लोग सरकार के कार्यों में व्यवधान डालकर लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं, उन्हें पहचानें। बिना कानून को हाथ में लिये, ऐसे लोगों को विद्युत आपूर्ति बाधित करने से रोकें। विगत रात्रि में कुछ जिलों से ऐसी घटनाएं आयी हैं जिसमें विद्युत कर्मियों ने विद्युत आपूर्ति में बाधा पहुंचायी है और फीडर, ट्रांसफार्मर व लाइन को क्षतिग्रस्त भी किया है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बातचीत का लोकतांत्रिक तरीका सभी के लिए अभी भी खुला हुआ है लेकिन राष्ट्रीय सम्पत्ति का नुकसान किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि शिकायतें हैं कि कुछ कार्मिक उपस्थिति पंजिका में हस्ताक्षर करके गायब हो जाते हैं। ऐसे कर्मियों से अनुरोध है कि वे या तो ठीक से कार्य करें या घर बैठें। अधिकारी ऐसे कार्मिकों का संज्ञान लें। ऐसे आउटसोर्सिंग व संविदा कार्मिक जो कार्य पर नहीं आ रहे हैं उन्हें अतिशीघ्र निकालने की प्रक्रिया शुरू की जाय। ऐसे लोगों का मानदेय बंद किया जाय। उनके कार्यों की अब आवश्यकता नहीं है, हम उनके स्थान पर दूसरे नौजवानों को नौकरी देकर कार्य करवा लेंगे।