यूपी80 न्यूज, लखनऊ
बिजली विभाग के 16 अधिशाषी अभियंता, अवर अभियंता और एसडीओ को निलंबित कर दिया गया है। तीन हजार से ज्यादा संविदा कर्मिों को बर्खास्त किया जा चुका है। बावजूद इसके बिजली कर्मियों electricity workers की हड़ताल strike समाप्त नहीं हो रही है।
उधर, सपा प्रमुख अखिलेश यादव Akhilesh Yadav ने आरोप लगाया है कि बिजली डिपार्टमेंट को निजी हाथों में सौंपने के लिए दिल्ली-लखनऊ मिलकर यूपीवालों व बिजलीकर्मियों दोनों को उत्पीड़ित कर रहे हैं। भाजपाई संविदाकर्मियों का रोजगार छीनना चाहते हैं? जो पुलिस कानून-व्यवस्था नहीं संभाल पाती, वो बिजली क्या संभालेंगी? सपा के समय घाटे से उबरा कॉरपोरेशन अब घाटे में क्यों है?

सपा प्रमुख ने कहा है कि डबल इंजन की सरकार में उप्र को बिना बिजली के रहने का अभिशाप मिला है। बच्चे-बूढ़े परेशान हैं, मरीजों का हाल बेहाल है, व्यापार कारोबार ठप्प है और प्रशासन की बत्ती गुल है। भाजपा सरकार समझ ले कि उप्र को बुलडोजर की जगह जेनरेटर की जरूरत है।

बिजली कर्मियों की हड़ताल की वजह से प्रदेशवासी परेशान हो गए हैं। ग्रामीण इलाकों में भीषण बिजली कटौती की वजह से बुनियादी सुविधाएं चरमरा रही हैं। प्रदेश में आई आंधी और बारिश ने समस्या को और बढ़ा दी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ CM Yogi Adityanath ने स्थिति की समीक्षा की है। बावजूद इसके बिजली कर्मी हड़ताल पर अड़े हुए हैं।

हड़ताल को समाप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने बिजली कर्मियों और यूनियन नेताओं पर सख्ती तेज कर दी है। प्रदेश के 22 कर्मचारी नेता सहित 29 के खिलाफ आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
उधर, बिजली कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा है कि सभी पदाधिकारी लखनऊ में मौजूद हैं। सरकार गिरफ्तार करे।
