यूपी80 न्यूज, गोरखपुर
भाजपा के सहयोगी पार्टियों के दो वरिष्ठ नेता एवं योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ.संजय निषाद और मंत्री आशीष पटेल ने सीएम योगी के गढ़ गोरखपुर में विपक्षियों को ललकारा और निषाद आरक्षण की मांग की। दोनों नेताओं ने “निषाद पार्टी” के 12वें संकल्प दिवस के उपलक्ष्य में गोरखपुर के सिकटौर मैदान में आयोजित जनसभा के दौरान जमकर विपक्षियों पर भड़ास निकाली।

प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री एवं अपना दल एस के नेता आशीष पटेल Ashish Patel ने कैबिनेट मंत्री एवं निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार निषाद Dr Sanjay Nishad के साथ मंच साझा कर उत्तर प्रदेश में मछुआ समाज के आरक्षण की आवाज़ को प्रबल आवाज़ देने का काम किया। मंत्री आशीष पटेल ने कहा कि निषाद पार्टी प्रमुख आपके आरक्षण के मुद्दे पर शांत नहीं बैठने वाले हैं वो प्रदेश कैबिनेट में मछुआ आरक्षण की बुलंद आवाज़ भी हैं, उन्होंने निषाद समाज को आरक्षण के मुद्दे पर नये नारे के साथ चलने पर ज़ोर दिया। कहा कि निषाद समाज को “लड़ेंगे तो जीतेंगे” को अपना मूलमंत्र मानते हुए आरक्षण की लड़ाई डॉ. संजय निषाद के नेतृत्व में लड़नी चाहिए।
बता दें कि 10 दिन पहले आशीष पटेल ने सीएम योगी के प्रमुख अधिकारियों पर जमकर भड़ास निकाली थी। उन्होंने उत्तर प्रदेश के एसटीएफ प्रमुख और सूचना विभाग के निदेशक पर निशाना साधा था।
निषाद पार्टी के सुप्रीमो एवं कैबिनेट मंत्री डॉ संजय निषाद ने विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कल रात गोरखपुर में एक नया ट्रेंड चला। उन्होंने कहा कि निषाद पार्टी और निषाद समाज के सभी विरोधी और विभीषण एक हो गये थे। उन्होंने कहा कि आपको जानकर और भी चौंकना होना पड़ेगा कि इन लोगों ने निषाद समाज अपना संकल्प दिवस नहीं मना पाये उसके लिए क़िस्म- क़िस्म के हथकंडे अपनाए गये।
मेरे कार्यकताओं पर हल्की भी खरोंच आई तो डॉ संजय निषाद को इलाज करना भी आता है: डॉ.संजय निषाद
डॉ.संजय निषाद की चेतावनी:
डॉ.संजय निषाद ने चेतावनी देते हुए कहा कि मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूँ, कि जिस दिन मेरे कार्यकताओं पर हल्की भी खरोंच आई तो डॉ संजय निषाद को इलाज करना भी आता है, वो भी उसी की भाषा में। उन्होंने कहा की सोशल मीडिया पर गोरखपुर व प्रदेश के मछुआ समाज के विभीषणों को निषाद पार्टी के लिए नये-नये भ्रम फैलाने और बदनाम करने की ज़िम्मेदारी मिली हुई है, विभीषण कहते हैं कि निषाद पार्टी आरक्षण के मुद्दे से भटक गई है, डॉ संजय निषाद सत्ता का सुख भोग रहे है”, मैं हमेशा से चुपचाप सुनता रहता हूँ, किंतु आज मैं आप सभी के सामने स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि निषाद पार्टी और डॉ संजय निषाद आरक्षण के मुद्दे पर अडिग थे, अडिग हैं और अडिग रहेंगे।
27 परसेंट ओबीसी आरक्षण से 9 परसेंट आरक्षण अलग करने की मांग:
इस अवसर पर डॉ.संजय निषाद ने मांग की कि 27 परसेंट ओबीसी आरक्षण में से 9 परसेंट आरक्षण अलग करके एससी आरक्षण में जोड़ दिया जाए। उन्होंने निषाद समाज को एससी में शामिल करने की मांग की।
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