यूपी80 न्यूज, अयोध्या
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अयोध्या में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि ऐसी बात कह दी जो अब चहुंओर चर्चा का विषय बन गई है।
सीएम योगी ने शुक्रवार को रामलला के दर्शन किए, हनुमानगढ़ी में भी पूजा अर्चना की और ‘टाइमलेस अयोध्या: अयोध्या लिटरेचर फेस्टिवल’ कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, “हमलोगों ने 2017 में अयोध्या में दीपोत्सव के आयोजन को आगे बढ़ाया था, हमारे मन में एक ही बात थी और वो बात यही थी कि अयोध्या को उसकी पहचान मिलनी चाहिए। अयोध्या को सम्मान मिलना चाहिए, जिसका हकदार होना चाहिए।“
मुख्यमंत्री ने कहा, “एक द्वंद था जब अयोध्या में पहली बार आने की बात हुई। यद्यपि मेरी तीन पीढ़ियां श्री राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए समर्पित थी, मुझे समस्या नहीं थी लेकिन शासकीय व्यवस्था जिस नौकरशाही से जकड़ी होती है उस नौकरशाही में बड़ा वर्ग ऐसा था जो कहता था कि सीएम के रूप में अयोध्या जाने से विवाद खड़ा होगा। हमने कहा विवाद खड़ा होता तो होने दीजिए, लेकिन अयोध्या के बारे में कुछ सोचने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “फिर एक वर्ग ऐसा था जिसने कहा कि आप जाएंगे फिर राम मंदिर की बात होगी तो मैंने कहा- कौन हम सत्ता के लिए आए हैं राम मंदिर के लिए सत्ता भी गवानी पड़ेगी तो कोई समस्या नहीं होनी चाहिए।“
सीएम ने बताया, “मैंने सेवानिवृत्त भातीय प्रशासनिक सेवक और सीएम के सलाहकार अवनीश अवस्थी से कहा एक बार चुपचाप जाकर के देखो दीपोत्सव का कार्यक्रम कैसे हो सकता है। वो यहां आए ,उन्होंने सर्वे किया। उन्होंने कहा- दीपोत्सव होना चाहिए। मैंने कहा मैं जाऊंगा, तो दीपोत्सव करते करते बीच में फिर राम मंदिर की बात उठेगी तो इसको क्या करेंगे। उन्होंने कहा नहीं कार्यक्रम हो हम सबसे बात करते हैं। सबका सकारात्मक भाव है। आज आप देख रहे होंगे दीपावली के एक दिन पहले अयोध्या का दीपोत्सव अयोध्या का एक फेस्टिवल बन गया एक समाज एक पर्व बन गया है।
