यूपी80 न्यूज, लखनऊ
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने के विरोध का समर्थन किया है। आपको बता दें कि बार एसोसिएशन ने कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट कोई कूड़ेदान नहीं है कि भ्रष्टाचार के आरोपियों को यहां न्याय देने के लिए भेजा जाए।
शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि सुप्रीम कोर्ट का भ्रष्ट जजों को जेल भेजने की बजाए ट्रांसफर करना ख़ुद सुप्रीम कोर्ट की छवि को खराब करेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के बंगले में आग लग गई थी, जिसे बुझाने गये दमकल विभाग और पुलिस को एक कमरे में 15 करोड़ रुपये बरामद हुआ था। जिसकी जांच कराकर उनको जेल भेजने के बजाए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजीयम ने उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट भेज दिया।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को यह बताना चाहिए कि उसे ऐसा क्यों लगा कि भ्रष्ट जज को इलाहाबाद हाईकोर्ट में भेज देना चाहिये। क्या उसे ऐसा लगता है कि जब पहले से ही शेखर यादव, रोहित रंजन अग्रवाल, राम मनोहर नारायण मिश्र जैसे सांप्रदायिक और महिला विरोधी जज वहाँ हैं तो फिर भ्रष्ट जजों के लिए भी डबल इंजन वाला यही राज्य सबसे सुरक्षित है।
उन्होंने कहा कि मई में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना रिटायर हो रहे हैं। अगर यशवंत वर्मा जैसे जजों की वो जांच नहीं करवाते हैं तो उनको भी जनता पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की तरह गलत वजहों से याद रखेगी।
‘द वायर’ के अनुसार जस्टिस यशवंत वर्मा ने ही बीते फरवरी माह में रेप के आरोपी भाजपा नेता कुलदीप सेंगर को अंतरिम जमानत दी थी।

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