यूपी80 न्यूज, बलिया
बलिया जनपद के बेल्थरारोड में एक ऐसा सरकारी अस्पताल है जो रात में शराबियों का मयखाना बन जाता है। शराबी शाम से ही अस्पताल के आसपास जुट जाते हैं तथा देर रात तक पियक्कड़ी जारी रहती है। अस्पताल की बिल्डिंग इस कदर जर्जर है कि इलाज के समय चिकित्सक व कर्मचारियों को उसका छत टपकने का भय बना रहता है। चिकित्सक सहित सिर्फ तीन कर्मचारियों वाले इस अस्पताल की सफाई भी उन्हीं पर निर्भर करता है।
बेल्थरारोड के पड़ती गांव स्थित राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय का हाल बेहाल है। लगभग 40 वर्ष पूर्व स्थापित इस अस्पताल की बिल्डिंग बेहद जर्जर हालत में हैं। अस्पताल की स्थिति देखकर उसमें प्रवेश करने में ही भय लगता है। अस्पताल में वर्तमान समय में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ राजकुमार, फर्मासिस्ट धर्मवीर व वार्ड ब्वाय के रूप में सविता यादव तैनात है। डॉ राजकुमार का कहना है कि अस्पताल की जर्जर हालत के चलते यहां ड्यूटी के दौरान दहशत की स्थिति रहती है। उन्होंने कहा कि कब कहीं से छत टपक जाए इसकी हमेशा आशंका बनी रहती है। लोगों के इलाज के दौरान अपनी सुरक्षा को लेकर भी चिंता बनी रहती है।
एक तरफ सुबह जहां जर्जर चिकित्सालय कर्मचारियों के भय का आधार बना हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ वह शाम को शराबियों के लिए मयखाना का कार्य करता है। शाम होते ही अस्पताल पर शराबियों का जमघट लग जाता है। तथा पीने के बाद वह शराब के पाऊच व बोतलें अस्पताल परिसर में फेंक देते हैं। अस्पताल के जर्जर भवन में इसे देखा जा सकता है। अस्पताल के कर्मचारियों का भी कहना था कि सुबह अस्पताल पहुंचने पर सामने फेंकी गई दारू की बोतलें आदि की सफाई करनी पड़ती है।
इस सम्बन्ध में ग्राम प्रधान आलम ने कहा कि वह इसके लिए किस किस से दुश्मनी करें। इस सम्बन्ध में जब डीएचओ बलिया से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि फिलहाल उनका स्थानांतरण हो चुका है। जानकारी दी कि भवनों की मरम्मत के लिए 5 करोड़ रुपए का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।