यूपी 80 न्यूज़, नई दिल्ली
टैक्सपेयर्स को राहत देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट बढ़ा दी है। इसे 50 हजार से बढ़ाकर 75000 रुपये सालाना कर दिया है। यह बदलाव न्यू टैक्स रिजीम के तहत किया गया है। बजट 2024-25 को पक्ष कह रहा हर वर्ग का हितैषी तो विपक्ष बोला झुनझुना,किसी के लिए कुछ नहीं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स को लेकर बड़ा ऐलान किया है। स्टैंडर्ड डिडक्शन के साथ ही टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया गया है। बदलाव न्यू टैक्स स्लैब रेट में हुआ है। अब 15 लाख से ज्यादा इनकम होने पर 30 फीसदी का टैक्स लागू होगा।
न्यू टैक्स रिजीम के तहत नए टैक्स स्लैब के मुताबिक अगर इनकम 7 लाख से ज्यादा होती है तो 3 लाख सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। 3 से 7 लाख सालाना इनकम पर 5 प्रतिशत, 7 से ज्यादा और 10 लाख तक के सालाना इनकम पर 10 प्रतिशत, 10 लाख से ज्यादा और 12 लाख तक की सालाना इनकम पर 15 प्रतिशत, 12 लाख से ज्यादा और 15 लाख तक इनकम पर 20 फीसदी और 12 लाख से ज्यादा सालाना इनकम पर 30 प्रतिशत टैक्स लागू होगा।
न्यू टैक्स रिजीम के तहत संशोधित टैक्स स्लैब 0-3 लाख पर 0 प्रतिशत टैक्स, 3 लाख से ज्यादा और 7 लाख पर 5 फीसदी टैक्स,7 लाख से ज्यादा और 10 लाख पर 10 फीसदी टैक्स,10 लाख से ज्यादा और 12 लाख पर 15 फीसदी टैक्स,12 लाख से ज्यादा और 15 लाख पर 20 प्रतिशत टैक्स, 15 लाख से ज्यादा सालाना इनकम पर 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा। बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50 हजार सालाना से बढ़ाकर 75000 रुपये सालाना कर दिया गया है, इसका मतलब 7.75 लाख सालाना इनकम पर भी न्यू टैक्स रिजीम के तहत कोई भी टैक्स नहीं देना होगा। पहले न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्स स्लैब था 0 से तीन लाख पर 0 फीसदी, 3 से 6 लाख पर 5 फीसदी, 6 से 9 लाख पर 10 फीसदी, 9 से 12 लाख पर 15 फीसदी, 12 से 15 लाख पर 20 फीसदी,15 से ज्यादा पर 30 फीसदी।
भाजपा सरकार ने 2018 के बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40,000 रुपये सालाना कर दिया था। 2019 के अंतरिम बजट में मानक कटौती यानि स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा बढ़ाकर 50,000 रुपये प्रति वर्ष कर दी गई थी, तबसे स्टैंडर्ड डिडक्शन में कोई बदलाव नहीं हुआ था। अब इसे बढ़ाकर 75000 कर दिया गया है।
कुछ नया नहीं: सांसद रमाशंकर राजभर
सलेमपुर से सांसद रमाशंकर राजभर ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बजट में कुछ नया नहीं है।,किसानो की कर्ज माफी, पुरानी पेंशन, स्थाई नौकरी पर सरकार चुप है। व्यापारी,किसान, छात्र, रोजगार , महिला मजदूर,को कोई राहत नहीं, मनरेगा मजदूर, रसोइया , आंगनबाड़ी, कार्यकृति, रोजगार सेवक की प्रधान, बीडीसी आदि का मानदेय बढ़ाने को सरकार तैयार नहीं। नई रेल लाइन नहीं।
समाज के हर वर्ग को शक्ति देने वाला बजट: घनश्याम पटेल
राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के निदेशक व भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश महामंत्री घनश्याम पटेल का कहना है कि यह बजट समाज के हर वर्ग को शक्ति देने वाला बजट है। गांव गरीब किसान को समृद्धि की राह पर ले जाने वाला बजट है। उत्तम स्वास्थ्य, कृषि विकास इंफ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट को समर्पित बजट विकसित भारत का रोडमैप भी है।