यूपी 80 न्यूज़, लखनऊ
अपना दल (कमेरावादी) Apna Dal (K) की प्रेशर पॉलिटिक्स कामयाब नहीं हुई। राष्ट्रीय लोक दल, सुभासपा के बाद अब अपना दल (कमेरावादी) भी इंडिया गठबंधन से दूर हो गया। हालांकि यह घोषणा खुद अखिलेश यादव ने की है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि अपना दल कमेरावादी से गठबंधन 2022 विधान सभा चुनाव में था, 2024 में नहीं।
बता दे कि सपा प्रमुख ने बुधवार को लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मिर्जापुर के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई थी। इसी दौरान प्रेशर पॉलिटिक्स के तहत अपना दल कमेरावादी ने तीन सीटों (मिर्जापुर, फूलपुर और कौशांबी) पर लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। लेकिन इस प्रेशर पॉलिटिक्स को दरकिनार करते हुए अखिलेश यादव ने बुधवार शाम को मिर्जापुर, घोषी सहित छह सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी और गुरुवार को गठबंधन पर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी।
कांग्रेस का द्वार खुला है:
सपा प्रमुख ने भले ही अपना दल कमेरावादी से नाता तोड़ने का फैसला किया हो, लेकिन कांग्रेस का द्वार अभी भी खुला है। कांग्रेस नेता राहुल गाँधी के भारत न्याय यात्रा के दौरान वराणसी में पल्लवी पटेल भी शामिल हुई थी। ऐसे में अब देखना है कि इस मामले में कांग्रेस का क्या रुख होता है।
नाराजगी की वजह:
राज्यसभा उपचुनाव में सपा विधायक पल्लवी पटेल ने बगावती तेवर दिखाते हुए सपा के सवर्ण उम्मीदवारों (जया बच्चन और आलोक रंजन) को वोट देने से इंकार कर दिया था। पल्लवी पटेल के इस बयान के बाद भाजपा ने आठवें प्रत्याशी के तौर पर संजय सेठ को उतार दिया। इस चुनाव में सपा के आठ विधायकों ने बगावत कर भाजपा प्रत्याशी को वोट दिया। उधर, पल्लवी पटेल ने केवल पीडीए उम्मीदवार को वोट दिया। सपा के इतिहास में इतनी बड़ी टूट पहली बार हुई। विधायकों के इस बगावत से अखिलेश यादव को बड़ा झटका लगा।