यूपी 80 न्यूज़, बेल्थरा रोड
बलिया जनपद के बेल्थरारोड में शिवरात्रि के उपलक्ष्य में श्री रामकथा अमृत वर्षा का आयोजन किया गया है। कथा को सम्बोधित करते हुए कथा वाचक पं अमरनाथ त्रिपाठी ने कहा कि भगवान की कथा मंगलमई होती है। कथा में बजरंग बली किसी न किसी रूप में पहुंच जाते हैं तो यह और मंगलमई हो जाती है।
बेल्थरारोड में समाजसेवी दिनेश जायसवाल द्वारा श्री रामकथा अमृत वर्षा का आयोजन किया गया है।
शिवरात्रि के उपलक्ष्य में आयोजित कथा को सम्बोधित करते हुए पं अमरनाथ त्रिपाठी ने कहा कि वर्तमान समय में कलयुग का दौर चल रहा है। कहा कि कलयुग की यह विशेषता है कि इसमें मानसिक नहीं होता है। कथा के दौरान उन्होंने रामायण के कई प्रसंगों का वर्णन किया। कहा कि हनुमान की पूंछ खुद आदि शक्ति थीं। रावण हनुमान की पूंछ से बहुत डरता था। उसने भगवान शिव की अराधना की। जब भगवान शिव प्रसन्न हुए तो उसने कहा कि प्रभु मैं हनुमान से नहीं परन्तु उसकी पूंछ से डरता हूं। यदि आप प्रसन्न हैं तो यही वरदान दें कि हनुमान की पूंछ टूट जाए। शिवजी ने रावण से कहा कि चलो ऐसा ही होगा। जब राम रावण का युद्ध प्रारम्भ हुआ तो हनुमान जी रावण के सामने जा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अपनी पूंछ रावण की तरफ कर दी। रावण उनकी पूंछ देख उसे पकड़ लिया। हनुमान ने रावण द्वारा पूंछ पकड़ते ही उसे लेकर आकाश में उड़ गए। वह रावण के साथ पृथ्वी से हजारों योजन दूर आकाश में जा पहुंचे। इसी दौरान महादेव ने रावण से कहा कि क्यों रावण अब बताओ कि हनुमान की पूंछ टूट जाए। तब रावण ने कहा कि नहीं भगवान न ये पूंछ टूटे और न मेरा हाथ छूटे। यह सुनकर महादेव वहां से अंतर्ध्यान हो गए। पं अमरनाथ त्रिपाठी ने कथा में एक से एक रोचक प्रसंग का वर्णन किया। कहा कि रावण से युद्ध प्रारम्भ होने के पूर्व श्रीराम ने हनुमान से कहा कि रावण के पास 14 अमर योद्धा हैं तथा मेरे पास सिर्फ आप ही हैं। युद्ध में उन अमर योद्धाओं को मारा नहीं जा सकता है। ऐसे में युद्ध जीतना संभव नहीं हो पाएगा। हनुमान जी ने राम जी से कहा कि आप चिंता ना करें। उसका उपाय हो जाएगा। युद्ध के दौरान हनुमान जी ने उन 14 योद्धाओं को अपनी पूंछ में लपेट लिया और आकाश में उछाल दिया। हनुमान के उछालने से वे सभी पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के बाहर चले गए। ऐसे में आकाश के गुरुत्वाकर्षण में फंसे रह गए। कथा वाचक के रोचक प्रसंग सुनकर श्रद्धालु भाव विभोर नजर आए।
इस दौरान व्यापारी नेता प्रशांत कुमार मंटू, दुर्गा प्रसाद मधु, आशीष जायसवाल, मोहन मद्धेशिया, जयनाथ साहू, राजेश मल्ल, राजेन्द्र बरनवाल, अनिल कुमार गुप्ता, अनिरुद्ध बरनवाल, शशिकांत जायसवाल, ओमप्रकाश जायसवाल सहित महिला श्रद्धालुओं की काफी उपस्थित रही।