यूपी80 न्यूज, लखनऊ
आखिर लोजपा LJP संस्थापक एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान Ramvilas Paswan की कर्मस्थली हाजीपुर Hajipur संसदीय सीट पर किसका हक है? 2024 में यहां से रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस Pashupati Kumar Paras एक बार फिर चुनाव लड़ेंगे या रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान Chirag Paswan यहां से दावेदारी करेंगे? इस महत्वपूर्ण सीट से दावेदारी के लिए चाचा-भतीजा के बीच जोर आजमाइश शुरू हो गई है। इसके अलावा राजनीतिक गलियारों में एक चर्चा यह भी है कि हाजीपुर से चिराग पासवान की मां रीना पासवान Reena Paswan एनडीए प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ सकती हैं।
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय Nityanand Rai से चिराग पासवान की मुलाकात के बाद हाजीपुर से एनडीए प्रत्याशी को लेकर राजनीतिक चर्चा तेज हो गई है। फिलहाल चिराग पासवान जमुई से सांसद हैं, लेकिन चिराग पासवान अथवा उनकी मां के हाजीपुर से चुनाव लड़ने की चर्चा है। इस चर्चा पर मोदी कैबिनेट में मंत्री एवं रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पशुपति पारस का कहना है कि गठबंधन धर्म का यह नियम होता है कि सीटिंग सीट से समझौता नहीं करना है। हम हाजीपुर क्यों छोड़ेंगे? चिराग पासवान हाजीपुर क्यों आएंगे? हाजीपुर में उसका क्या है? वह कहते हैं कि उनके पिताजी की कर्मभूमि है हाजीपुर। लेकिन जब उनके पिता जिंदा थे 2019 में तो उन्होंने चिराग को टिकट नहीं दिया था। उन्होंने कहा था कि मेरे भाई तुम हो, तुम हाजीपुर की जनता की सेवा करना। ऐसे में हाजीपुर सीट छोड़ने की बात कहां से आती है। मैं उस समय भी हाजीपुर सीट लेने को तैयार नहीं था। मैं तो बिहार सरकार में मंत्री था। लेकिन बड़े भाई का आदेश हुआ तो मैं चुनाव लड़ा। इसलिए किसी कीमत पर मैं हाजीपुर सीट नहीं छोड़ने वाला हूं।
पशुपति पारस ने यह भी कहा है कि मेरा गठबंधन भाजपा से है। चिराग पासवान अभी एनडीए का हिस्सा नहीं हैं। ये 2020 के बाद कभी भी लालू और तेजस्वी के खिलाफ नहीं बोले हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि रालोजपा और लोजपा (रा) का मिलना मुमकिन नहीं है।