यूपी80 न्यूज, लखनऊ
स्थानांतरण नीति के प्रावधानों के विरुद्ध बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग में सुपरवाइजर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने नाराजगी जतायी है। इसे लेकर पूरे प्रदेश में सुपरवाइजरों में आक्रोश बढ़ गया है। उन्होंने शासन को पत्र देने और जिला स्तर पर विरोध करने का निर्णय लिया है।
सुपरवाइजर एसोसिएशन की बैठक में इसे दुर्भावनापूर्ण और उत्पीड़न की कार्यवाही माना गया है। सुपरवाइजर एसोसिएशन की प्रांतीय अध्यक्ष रेनू शुक्ला और महामंत्री शशिकांता ने कहा कि सरकार द्वारा जारी स्थानांतरण नीति 2023 में साफ कहा गया है कि किसी भी मान्यता प्राप्त संघ के अध्यक्ष एवं महामंत्री का स्थानांतरण पदभार ग्रहण करने के 2 वर्ष की अवधि तक नहीं किया जाएगा और स्थानांतरण नीति में समूह ग और घ के बारे में जनपद में कार्य करने की कोई समय सीमा तय नहीं की गई है। बावजूद इसके सुपरवाइजर एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष, महामंत्री जिला अध्यक्षों व मंत्री का स्थानांतरण कर दिया गया। पदाधिकारियों का चुनाव एक वर्ष पूर्व ही हुआ है और इस संबंध में बाकायदा विभाग को सूचना भी दी गई है।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि पदोन्नति, एसीपी जैसी न्यायोचित मांगों पर लंबे समय से सुपरवाइजर एसोसिएशन संघर्ष कर रहा है और इनके हल के लिए शासन स्तर पर वार्ता भी कर रहा है, लेकिन हल करने की मंशा विभाग की नहीं है। उत्पीड़न करने के लिए दुर्भावना प्रेरित पदाधिकारियों के ट्रांसफर किए गए हैं जिसके विरूद्ध पूरे प्रदेश में सुपरवाइजर्स ने प्रतिवाद दर्ज किया है। मुख्यमंत्री व मंत्री को पत्र भेजकर नियम विरूद्ध ट्रांसफर वापस लेने की मांग की जाएगी।