बलिराम सिंह, लखनऊ
सामाजिक क्रांति के अग्रदूत एवं महिला सशक्तिकरण के नायक महात्मा ज्योतिबा फुले जी के अनमोल विचार:
यदि आप एक पुरुष को शिक्षित करते हैं तो आप एक व्यक्ति को शिक्षित करते हैं, लेकिन यदि आप एक महिला को शिक्षित करते हैं तो आप एक पूरे परिवार को शिक्षित करते हैं।
स्वार्थ अलग-अलग रूप धारण करता है। कभी जाति का रूप तो कभी धर्म का रूप लेता है।

भारत में राष्ट्रीयता की भावना का विकास तब तक नहीं हो सकता है, जब तक खान-पान एवं वैवाहिक संबंधों पर जातीय बंधन बने रहेंगे।
अच्छा काम करने के लिए गलत उपायों का सहारा नहीं लेना चाहिए
शिक्षा स्त्री और पुरुष की प्राथमिक आवश्यकता है
परमेश्वर एक है और सभी मानव उसकी संतान हैं।
आपके संघर्ष में शामिल होने वालों से उसकी जाति मत पूछिए।
बाल काटना नाई का धर्म नहीं धंधा है, चमड़े की सिलाई करना मोची का धर्म नहीं धंधा है, उसी तरह पूजा पाठ करना या करवाना ब्राह्मण का धर्म नहीं धंधा है।
जातिवाद को मिटाना हमारा सामाजिक दायित्व है।
स्त्री और पुरुष समान हैं।
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