यूपी 80 न्यूज़, बेल्थरा रोड
बेल्थरा रोड के चौकिया मोड़ स्थित सर्वेश मानस मंदिर में पंच कुंडीय अद्वैत शिव शक्ति महायज्ञ का आयोजन किया गया है। इस दौरान स्वामी ईश्वर दास ब्रह्मचारी ने परमात्मा की चर्चा की। कहा कि परमात्मा का स्वरुप सत् आनंद है। परमात्मा की अंतरंग शक्ति प्रकट हुई। उसे पराशक्ति कहते है। ग्रंथो में परमात्मा के स्वरुपों की जो चर्चा की गयी है वह अद्वितीय व अलौकिक है।
अपने प्रवचन में परिबज्रकाचार्य स्वामी ने कहा कि अनेक ग्रंथों में 64 पंथ रहे हैं। इस समय अनेक पंथ लुप्त हो गये। दो-एक पंथ रह गये हैं। जिसमें परमात्मा की अलौकिक लीला का वर्णन किया गया है। परमात्मा का स्वरुप, उनकी लीला क्षेत्र यह सब नित्य है। उस समय को याद करे, जब यह पृथ्वी नही थी। हवा, अग्नि, आकाश, जल, हवा, अहंकार नहीं था। इसके विना सृष्टि की रचना नहीं रह सकती थी। उसके बिना यह संसार रहने वाला नहीं था। ये ब्रम्हांड है, प्रकृति भी नही थी, मूल प्रकृति भी नही थी। इसे परब्रह्म, अनादि, अनंत, अद्वैत, आनामय, सच्चिदानन्द स्वरुप परमात्मा शिव विराज हैं।
कहा कि अपने अन्तरांत्मा की आवाज पहचानों और गलत कृत्यों से बचकर जीवन को धन्य बनाने का प्रयास करो।
वृन्दावन के पं. प्रवीण कृष्ण ने कहा कि शिव पुराण की कथा सुनने से पापी से पापी व्यक्ति का कल्याण हो सकता है। कहा कि पति, पत्नी, गृहस्थ, सन्यासी को अपनी सीमा में रहना चाहिए। कहा कि पाप करना उतना बड़ा पाप नहीं है, जितना बड़ा पाप को स्वीकार करना नहीं होता है। प्रायश्चित करने से सभी पापों का नाश हो जाता है। बशर्ते की उस पाप की पुनरावृत्ति न हो। शिव महापुराण की चर्चा करते हुए कहा कि उसमें इलाहाबाद का नाम नहीं प्रयागराज लिखा है।
उन्होने अद्वैत शिवशक्ति परमधाम डूहां के परिबज्रकाचार्य स्वामी ईश्वर दास ब्रह्मचारी मौनी बाबा के व्यक्तित्व की चर्चा की। कहा कि उनके दर्शन मात्र से ही जीवन धन्य हो जायेगा।