यूपी 80 न्यूज़, लखनऊ
भाजपा के युवा नेता एवं पूर्व मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने घोषणा की है कि भविष्य में वह बलिया की बैरिया विधानसभा सीट से कभी भी चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने यह जानकारी फेसबुक पर दी है। बता दे कि इस बार लोकसभा चुनाव में बलिया संसदीय सीट से आनंद स्वरूप शुक्ला भी एक मजबूत दावेदार थे। उन्हें टिकट न मिलने से आनंद शुक्ला के समर्थकों में गहरी मायूसी है।
आनंद स्वरूप शुक्ला ने सोशल मीडिया पर लिखा है,
“आदरणीय बैरिया विधान सभा क्षेत्रवासियों…
सादर जय श्रीराम
श्रीराम जन्मोत्सव की हार्दिक बधाई व शुभकामना, आज के पावन दिवस पर आप सभी से मन की बात साझा करना चाहता हूँ।
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम चन्द्र जी ने कहा कि
“जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी” अर्थात्
“माता और मातृभूमि का स्थान स्वर्ग से भी ऊपर है।“
विगत् 2022 के विधान सभा चुनाव में कतिपय आश्चर्यजनक अज्ञात व ज्ञात कारणों से भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व ने मुझे मेरी जन्मभूमि व कर्मभूमि बलिया नगर विधान सभा क्षेत्र से स्थानान्तरित कर आपके बैरिया विधान सभा क्षेत्र से पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया।
निष्ठावान व अनुशासित कार्यकर्ता होने के नाते पार्टी के आदेश को सर्वोपरि मानते हुए आप सभी के सहयोग व समर्थन से मात्र 20 दिनों में अपनी सम्पूर्ण शक्ति व सामर्थ्य से चुनाव लड़ा।
पार्टी के हजारों देवतुल्य निष्ठावान कार्यकर्ताओं ने प्रण-प्राण से अथक परिश्रम किया, जिनका मैं आजीवन आभारी रहूँगा। अप्रिय परिस्थितियों के कारण चुनाव परिणाम विपरीत रहा।
चुनाव परिणाम के पश्चात् पार्टी नेतृत्व को मैंने अवगत कराया कि अब आगे मैं कभी भी बैरिया विधान सभा क्षेत्र से चुनाव_नहीं_लड़ूँगा। मैंने कहा कि पतित पावनी माँ गंगा व प्रभु श्रीराम के चरण पखारते हुए अयोध्याधाम से होकर आती माँ सरयू के गोंद में बसी द्वाबा की पवित्र भूमि पूज्य संतों व वीर अमर बलिदानियों की क्रान्तिकारी भूमि हैं। द्वाबा में भाजपा के अनेकों योग्य नेता व कार्यकर्ता हैं, जो विधान_सभा_चुनाव लड़ने के सर्वथा योग्य हैं,जिन्हें अवश्य अवसर मिलना चाहिए।
चुनाव में सैकड़ों कार्यकर्तागण से आत्मीय सम्बन्ध बने जो आजीवन रहेगा।
आप सभी पर भगवान श्रीरामलला की कृपा बनी रहें ।
आपका शुभेच्छु-
आनन्द स्वरूप शुक्ल”
बता दे कि आनंद स्वरूप शुक्ला के इस मार्मिक पोस्ट में जनपद की भविष्य की राजनीति के करवट लेने की आहट दिख रही है। जनपद की मौजूदा राजनीति ब्राह्मण समाज खुद को हाशिये पर महसूस कर रहा है। जनपद के सात विधायकों में से एक भी विधायक ब्राह्मण समाज से नहीं है। ऐसे में आने वाले समय में बलिया की राजनीति किस ओर जाती है, यह आने वाला समय बतायेगा।