ओबीसी को दो सालों में 5530 सीटों का हुआ नुकसान, ओबीसी छात्रों के साथ भेदभाव का आरोप
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
देश के मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में नीट ऑल इंडिया कोटा सीटों पर 27 फीसदी ओबीसी कोटा की मांग बढ़ने लगी है। मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में नीट (NEET) ऑल इंडिया कोटा सीटों पर 27 परसेंट ओबीसी आरक्षण को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है। याचिका के तहत अपील की गई है कि उच्च न्यायालय केंद्र सरकार को मेडिकल एवं डेंटल कॉलेजों में एडमिशन्स में 27 फीसदी सीटों पर ओबीसी आरक्षण को लागू करने का निर्देश दे। याचिका में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय पर ओबीसी छात्रों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया गया है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि यदि ये नियम लागू होते तो पिछले दो सालों (2017-18,19) में लगभग 5530 सीटें ओबीसी वर्ग के छात्रों को मिली होती, लेकिन उन्हें सामान्य श्रेणी को आवंटित कर दिया गया।
ये याचिका नेशनल यूनियन ऑफ बैकवर्ड क्लासेस की सचिव एस.गीता ने वकील ए.राजाराजन द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई है।
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याचिकाकत्र्ता ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मेडिकल व डेंटल कोर्सेस में एडमिशन के लिए एससी, एसटी और आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग के स्टूडेंट्स के लिए प्रावधान किया है, लेकिन ओबीसी वर्ग के छात्रों के लिए नहीं किया गया है। यह संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।
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हर साल एमबीबीएस (MBBS) व बीडीएस (BDS) में एडमिशन के लिए 15 फीसदी और मेडिकल पीजी कोर्सेस (MD, MS, MDS) के लिए 50 फीसदी सीटें राज्य सरकारों द्वारा केंद्र को दी जाती हैं। इन सीटों पर केंद्र सरकार अपने नियमों के अनुसार दाखिले की प्रक्रिया पूरी करती है। इन्हें ऑल इंडिया कोटा सीट्स कहते हैं। बिहार जैसे अति पिछड़ा राज्य में यह मामला चुनावी मुद्दा बनता जा रहा है।
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