यूपी80 न्यूज, लखनऊ
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं, अधिकारी कर्मचारी मिलकर सभी प्रचार माध्यमों से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति व प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का प्रचार प्रसार कराना सुनिश्चित करें। केशव प्रसाद मौर्य आज अपने कैम्प कार्यालय 7-कालिदास मार्ग पर आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना व खाद्य प्रसंस्करण उद्योग विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।

उप मुख्यमंत्री ने समीक्षा में पाया कि ओवर आल प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के क्रियान्वयन में उत्तर प्रदेश, देश में टॉप पर है। उन्होने निर्देश दिए कि खाद्य प्रसंस्करण योजनाओं का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार किया जाय। कहा कि हमारी मंशा हर गांव में कम से कम एक यूनिट लगे। उन्होने जोर देते हुए कहा कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों से स्वयं सहायता समूहों को अधिक से अधिक जोड़ा जाय। निर्देश दिए कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देने हेतु डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स पर्सन की कार्यशाला आयोजित की जाय। इन्क्यूबेशन सेन्टरों को चालू करने की कार्यवाही सर्वोच्च प्राथमिकता पर की जाय।इन्क्यूबेशन सेन्टरों का लाभ समूहों व लोगों को हर हाल में दिलाया जाना सुनिश्चित किया जाए। पीएमएफएमई योजना के प्रत्येक जिले के 10 लाभार्थियों से बात करके फीडबैक लिया जाए।

पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लखनऊ के सभी ब्लॉकों में पीएमएफएमई योजना के बारे में ट्रेनिंग करायी जाय। प्रत्येक शुक्रवार को प्रत्येक विकासखण्ड के दो गांव पंचायतो में हो रही ग्राम चौपालो में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के बारे में ग्रामीणो को विस्तार से जानकारी दी जाय। योजना को और अधिक ढंग से चलाने के लिए मुख्यालय पर काल सेन्टर की स्थापना की जाय। चालू वित्तीय की कार्य-योजना बनाते हुए लक्ष्य निर्धारित किये जाय।लक्ष्य पूर्ण करने के लिए समय सीमा निर्धारित की जाय।
बैठक में राज्य मंत्री ग्राम्य विकास विभाग विजय लक्ष्मी गौतम, अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास विभाग हिमांशु कुमार, प्रमुख सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण एवं रेशम विभाग बीएल मीणा, आयुक्त ग्राम्य विकास विभाग जीएस प्रियदर्शी, यूपी आरआरडीए के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अखण्ड प्रताप सिंह, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के निदेशक ईशम सिंह, निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग विजय बहादुर द्विवेदी इत्यादि उपस्थित थे।
