केके वर्मा, लखनऊ
देश का सबसे बड़ा सूबा उत्तर प्रदेश कई मामलों में नंबर वन है। यूपी डिजिटल लेनदेन और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर यानि डीबीटी में देश में नंबर वन है। 2017-18 में राज्य में 122.84 करोड़ का डिजिटल ट्रांजेक्शन था, 2024-25 में दिसंबर तक आंकड़ा 1024.41 करोड़ तक पहुंच गया। इतने कम समय में इतनी बड़ी छलांग यूपी के लिए बड़ी बात है। यूपी डिजिटल लेनदेन में नंबर वन है। ज्यादातर ट्रांजेक्शन यूपीआई से हो रहे हैं।

योगी सरकार ने डिजिटल क्रांति को हर घर तक पहुंचाने का सपना सच कर दिखाया है। डिजिटल बैंकिंग को आसान बनाने के साथ गांवों तक हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा पहुंचाई गई है। लोगों को इसके फायदे समझाने के लिए जागरूकता अभियान चलाए गए हैं। राज्य में 20416 बैंक शाखाएं 400932 बैंक मित्र और बीसी सखी 18747 एटीएम और 440095 बैंकिंग केंद्र काम कर रहे हैं। ये सुविधाएं शहरों से लेकर दूर दराज के गांवों तक लोगों की मदद कर रही हैं।

बैंक मित्र और बीसी सखी जैसे कदमों से महिलाओं को रोजगार मिला है और ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग आसान हुई है। डीबीटी के जरिए सरकारी योजनाओं का पैसा सीधे लाभार्थियों के खातों में पहुंच रहा है। 11 विभागों की 207 योजनाएं इस सिस्टम से चल रही हैं, जिनमें 113 केंद्रीय और 95 राज्य सरकार की योजनाएं शामिल हैं। 2024-25 में 9 करोड़ 8 लाख से ज्यादा लाभार्थियों को 1 लाख 11 हजार 637 करोड़ रुपये दिए गए हैं। यह रकम गरीबों, किसानों, महिलाओं और जरूरतमंदों तक पहुंची है, जिससे उनकी जिंदगी बेहतर हुई है।
डीबीटी से भ्रष्टाचार समाप्त हुआ और 10 हजार करोड़ रुपये की बचत भी हुई। उत्तर प्रदेश ने अपनी पुरानी छवि को पीछे छोड़कर एक नई पहचान बनाई है। यह राज्य अब डिजिटल क्रांति का सबसे बड़ा उदाहरण बन गया है। तकनीक के दम पर यूपी न सिर्फ खुद आगे बढ़ रहा है बल्कि देश के लिए मिसाल पेश कर रहा है।
