संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर मायावती, कांग्रेस ने सख्त ऐतराज जताया
नई दिल्ली / लखनऊ, 19 अगस्त
आरएसस प्रमुख मोहन भागवत का आरक्षण को लेकर दिए गए बयान पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कड़ा ऐतराज जताया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि संघ अपनी आरक्षण विरोधी मानसिकता त्याग दे तो बेहतर है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया के जरिए कहा है, “आरएसएस का एससी/एसटी/ओबीसी आरक्षण के संबंध में यह कहना कि इस पर खुले दिल से बहस होनी चाहिए, संदेह की घातक स्थिति पैदा करता है, जिसकी कोई जरूरत नहीं है। आरक्षण मानवतावादी संवैधानिक व्यवस्था है, जिससे छेड़छाड़ अनुचित व अन्याय है। संघ अपनी आरक्षण विरोधी मानसिकता त्याग दे तो बेहतर है।”
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कांग्रेस भी हमलावर हुई:
उधर, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है, “गरीबों के अधिकारों पर हमला, संविधान सम्मत अधिकारों को कुचलना, दलितों-पिछड़ों के अधिकार छिनना, यही है असली भाजपाई एजेंडा।”
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मोहन भागवत के बयान:
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा था, “जो लोग आरक्षण के समर्थन में हैं, उन्हें चर्चा ऐसे लोगों के हितों का ध्यान रखते हुए करनी चाहिए, जो आरक्षण के खिलाफ हैं। इसी तरह से विरोध करने वालों को भी चर्चा में शामिल होना चाहिए। आरक्षण पर जब भी चर्चा हुई है, इस पर तीखी प्रतिक्रिया आई है। हमारे समाज के विभिन्न वर्गों में सद्भाव की आवश्यकता है।” बता दें कि इससे पहले भी संघ प्रमुख ने आरक्षण की समीक्षा की बात की थी, जिसका काफी विरोध हुआ था।