यूपी80 न्यूज, महाकुंभ नगर/बलिया
काश! मीरा सिंह अपने बेटे की बात मान ली होती तो शायद आज वो जिंदा होती। प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या की रात में मची भगदड़ में बलिया के नगरा क्षेत्र के चचया गांव की निवासी मीरा सिंह की दु:खद मौत के बाद यह चर्चा जोरों पर है।

बता दें कि प्रयागराज में कुंभ मेला स्नान के बाद मंगलवार की देर रात हुए भगदड़ में कई श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। मृतकों में बलिया जनपद की चचयां (निवासिनी) मीरा सिंह (50 वर्ष) पत्नी बालजीत सिंह भी शामिल थीं। मीरा सिंह पिछले कई दिनों से कुंभ मेला जाने की चर्चा कर रहीं थीं। इस दौरान उन्हें जानकारी मिली कि गांव के अन्य लोग भी कुंभ मेला स्नान के लिए जाने वाले हैं। फिर हुआ यह कि उनके पति बालजीत सिंह ने अपने गांव के लोगों से बातचीत कर 27 जनवरी को प्रयागराज जाने का प्रोग्राम फिक्स कर दिया।

मां के कुंभ मेला में जाने का प्रोग्राम जब उनके छोटे बेटे अश्वनी कुमार सिंह को पता चला तो उसने कुंभ मेला की भीड़ को देखते हुए अपनी मां से मौनी अमावस्या के पूर्व ही प्रयागराज जाने की बात कही। परन्तु मां ने गांववालों का साथ मिलने पर अपने बेटे की बात को टाल दिया। 27 जनवरी की दोपहर गांव के एक दर्जन लोगों के साथ वह नगरा से बस पकड़ कर बेल्थरा रोड पहुंची।
इनमें गांव की रिंकी सिंह (40 वर्ष) पत्नी छट्ठू सिंह भी शामिल थीं। रिंकी अपने दो बच्चों बेटी आयुषी (10 वर्ष) व पुत्र आयूष (8 वर्ष) को घर पर छोड़ पति के साथ कुंभ मेला करने निकली थीं। जाते-जाते मां रिंकी सिंह ने बच्चों से जल्द ही वापस आने का वादा किया था। परन्तु उन बच्चों को क्या मालूम था कि अब उनकी मां जीवित वापस नहीं आएंगी। घटना की सूचना मिलने के बाद उनके परिजन उस बच्ची को इस घटना से अवगत कराने का साहस नहीं जुटा पा रहे थे।
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