साक्षी दुबे, सोनभद्र
सोनभद्र Sonbhadra जनपद के मुर्धवा नाला बाजीपुर मुख्य मार्ग पर स्थित 180 करोड़ वर्ष पुरानी स्लेटी चट्टानें gray rocks धरती के चार बार उथल-पुथल earth’s upheaval होने के प्रमाण हैं, लेकिन आज ये चट्टानें संरक्षण की आस जोह रही हैं। चट्टानों के पास गंदगी फेके जाने से लोगों में नाराजगी है।
इन स्लेटी चट्टानों के पास वन विभाग ने चेतावनी बोर्ड के अलावा इससे जुड़ी जानकारी का भी बोर्ड लगा रखा है। बावजूद इसके यहां पर कचरा फेंका जा रहा है। उसके आसपास कचरा और प्लास्टिक फेके जाने पर ग्राम प्रधान संघ के अध्यक्ष प्रेमचंद यादव, ग्राम प्रधान रन टोला दिनेश जायसवाल, रमेश यादव, जमुना, शिव प्रसाद, दीपक यादव आदि ने नाराजगी जताते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि चेतावनी वाला बोर्ड का एक पाया अभी से टूट गया है और चट्टानों के पास जाने वाले स्थान पर कूड़ा व प्लास्टिक का ढेर लगा दिया गया है। लोगों ने कहा कि प्रशासन और वन विभाग को चाहिए कि चट्टानों के किनारे बाउंड्री वाल का निर्माण कराकर सलखन के फासिल्स की तरह इसे भी संरक्षित करे।
पिछले साल अक्टूबर में अमेरिका, बांग्लादेश सहित देश के 60 भू वैज्ञानिकों ने बीएचयू के प्रो. वैभव श्रीवास्तव के नेतृत्व में इन चट्टानों को अद्भुत और 180 करोड़ वर्ष पुराना बताया था। वैज्ञानिकों ने कहा था कि यह भारत ही नहीं पूरी दुनिया के शोध छात्रों और वैज्ञानिकों के लिए महत्वपूर्ण स्थल है। यह धरती के चार बार उथल पुथल होने का प्रमाण बताता है। ग्राम प्रधानों ने कहा कि इसे पर्यटन का रूप देकर यहां सीमेंट का ब्रेंच लगाया जाए और बाउंड्री या कंटीले तारों से घेर दिया जाए ताकि इन चट्टानों का सरंक्षण हो सकेगा।
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