यूपी80 न्यूज, लखनऊ
बिजली कर्मचारियों के बाद अब पुरानी पेंशन Old pension बहाली को लेकर सरकारी कर्मचारी एकजुट होने लगे हैं। कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली के मुद्दे को लेकर व्यापक रणनीति बनाई है। नई पेंशन योजना वापस लेने एवं पुरानी पेंशन व्यवस्था की बहाली के लिए ‘पुरानी पेंशन योजना बहाली संयुक्त मंच’ के बैनर तले राष्ट्रव्यापी आन्दोलन का निर्णय लिया जा चुका है। कर्मचारियों ने आज 21 मार्च को जनपद मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
आन्दोलन को धार देने के लिए रेलवे, डाक, आयकर, पासपोर्ट, आकाशवाणी, दूरदर्शन के साथ राज्य कर्मचारी संगठनों में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, कलेक्ट्रेट मिनिस्टीरियल एसोसिएशन, डिप्लोमा इंजीनियिर्स महासंघ, उद्यान, सिंचाई, परिवहन, कोषागार, निबंधन, लोकनिर्माण विभाग, कृषि, मण्डी, प्रदूषण नियंत्रण, कर्मचारी राज्य बीमा निगम, अल्प बचत, रजिष्टार चिटफण्ड, श्रम, शिक्षा, राजस्व, ग्राम विकास, ग्राम पंचायत, सफाई कर्मचारी, आईटीआई, बाल विकास पुष्टाहार, खाद्य रसद सहित अधिकांश विभागों के सेवा संगठनों ने मिलकर 21 जनवरी को नई दिल्ली में एक राष्ट्रीय सम्मेलन में पुरानरी पेंशन बहाली के लिए आन्दोलन की रूपरेखा बनाई थी।
लखनऊ में कर्मचारी प्रेरणा स्थल डीएम आवास के सामने प्रदर्शन करेंगे। केन्द्रीय कर्मचारी संगठन रेलवे के आर.के. पाण्डेय, परिषद से हरिकिशोर तिवारी, शिवबरन सिंह यादव ने बताया कि 2004 से नव परिभाषित अंशदान पेंशन योजना से पूरे कर्मचारी, शिक्षक समाज का भविष्य अंधकारमय हो गया है। कई बार उच्च स्तरीय बैठक पर नई पेंशन योजना का हर स्थिति में विरोध दर्ज कराया गया, लेकिन सरकार ने अब तक ध्यान नहीं दिया। एक राष्टव्यापी मंच का गठन कर पुरानी पेंशन बहाली के लिए एक निर्णायक आन्दोलन की शुरूआत की जा रही है।
पोस्टल के शत्रुहन यादव ने पुरानी पेंशन के मामले में सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि कर्मचारी शिक्षक समाज को हर हाल में पुरानी पेंशन बहाली चाहिए। परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने कर्मचारियों और शिक्षकों के फण्ड का पैसा शेयर बाजार में लगाए जाने का पुरजोर विरोध करते हुए इससे होने वाले नुकसान की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली से सरकार के ऊपर कोई फर्क नही पड़ने वाला। 2005 से उ0प्र0 ने नई पेंशन योजना को यह कहकर लागू कर दिया था कि प्रस्तावित नई व्यवस्था भी पुरानी पेंशन जैसी होगी। कर्मचारियों को कोई नुकसान नहीं होगा, किन्तु इतने दिनों में यह बात सिद्ध नहीं हो पाई। उल्टे सेवानिवृत्त हो रहे कार्मिकों को 2000 से 5000 हजार तक ही पेंशन राशि मिल पा रही है। पुरानी पेंशन व्यवस्था ही एक सामाजिक सुरक्षा है इसे हर हाल में लागू किया जाए। 21 मार्च को समस्त जनपद मुख्यालयों में प्रदर्शन के साथ मंच द्वारा सितंबर तक क्रमवार आन्दोलन जारी रखा जाएगा।
संवाददाता सम्मलेन में केन्द्रीय कर्मचारी संगठन से विभूति मिश्रा, बृजेश यादव, संतोष मिश्रा, संजय वर्मा, एसबी सिंह, राज्य कर्मचारी संगठन के शिवबरन सिंह यादव, अमिता त्रिपाठी, अविनाश चन्द्र मिश्रा, सुभाष तिवारी, राजेश सिंह, अरूण सिंह, फहीम अख्तर, योगेश शुक्ला, अमरजीत मिश्रा, संजय यादव, नरेन्द्र सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, आनंद वर्मा, एनडी द्विवेदी, प्रकाशचन्द्र, श्रवण कुमार, एसके त्रिपाठी, राजर्षि त्रिपाठी, मस्तराम वर्मा आदि मौजूद रहे।