यूपी80 न्यूज, लखनऊ
दिल्ली सरकार के अधिकारों को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल Arvind Kejriwal बुधवार को लखनऊ पहुंचे। उन्होंने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव Akhilesh Yadav से मुलाकात की। अखिलेश यादव ने आम आदमी पार्टी AAP के प्रमुख का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए उन्हें पूरा सहयोग और समर्थन देने का आश्वासन दिया। दोनों नेताओं की आज की मुलाकात को सियासी हल्के में बड़ी गम्भीरता से लिया जा रहा है। विपक्ष ही नहीं सत्तारूढ़ बीजेपी के नेताओं ने भी मंथन किया है।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से लखनऊ मिलने पहुँचे अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर गैर-बीजेपी पार्टियां एक साथ हो जाती हैं तो इस अध्यादेश को राज्यसभा में पराजित किया जा सकता है और इससे देश में एक मजबूत संदेश जाएगा कि मोदी सरकार 2024 में सत्ता में नहीं आ रही है। अरविंद केजरीवाल ने समाजवादी पार्टी के समर्थन का स्वागत करते हुए कहा कि विपक्ष की एकता की दिशा में यह बड़ा कदम साबित होगा। उन्होंने कहा कि मैं सपा प्रमुख अखिलेश यादव को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि उनकी पार्टी हमें राज्यसभा में समर्थन करेगी। इस दौरान एसपी प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि मैं उन्हें भरोसा दिलाता हूं कि दिल्ली का अध्यादेश जो आया है, गैर लोकतांत्रिक है और इस लड़ाई में हम आपके साथ हैं।
आप नेता अरविंद केजरीवाल और सपा चीफ अखिलेश यादव ने आज ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस करके भी अपने निर्णय का ऐलान किया। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अध्यादेश का विरोध 2024 का सेमी फाइनल है। यदि विपक्ष इस अध्यादेश को वापस कराने में सफल रहा तो 2024 में भाजपा को सत्ता से हटाने में देर नहीं लगेगी। उधर, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्र सरकार का अध्यादेश लोकतंत्र के खिलाफ है। भाजपा की सरकार केजरीवाल सरकार द्वारा शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए कार्यों को देखकर डर गई है। इसलिए यह अध्यादेश लाई है। हम केजरीवाल सरकार का समर्थन करते हैं और राज्यसभा में अध्यादेश के खिलाफ वोट करेंगे। हमारे सभी सदस्य आम आदमी पार्टी के साथ हैं।
मुख्यमंत्री भगवंत मान भी पहुंचे:
अखिलेश यादव से मिलने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ आप नेता व पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान भी लखनऊ पहुंचे। दोनों नेताओं ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव सहित अन्य नेताओं के साथ मंत्रणा की और दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण संबंधी केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांगा। सपा अध्यक्ष ने केंद्र सरकार के अध्यादेश को लोकतंत्र विरोधी बताते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भरोसा दिया कि समाजवादी पार्टी उनके साथ है।
सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने केजरीवाल सरकार के पक्ष में सुनाई थी फैसला:
अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि आठ साल की लड़ाई के बाद 11 मई को सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने फैसला दिया कि शक्तियां चुनी हुई सरकार के पास होनी चाहिए, लेकिन 19 मई को मोदी सरकार ने अध्यादेश लाकर कोर्ट का फैसला निरस्त कर दिया। 11 मई को सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने फैसला दिया और आठ दिन बाद 19 मई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ केंद्र सरकार अध्यादेश ले लाई। साजिश इस तरह रची गई कि दोबारा कोर्ट न जा पाएं। क्योंकि उसी समय कोर्ट बंद हो रहा था।
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