• About
  • Advertise
  • Contact
Monday, June 30, 2025
UP80
  • होम
  • यूपी
  • बिहार
  • दिल्ली
  • राजनीति
  • देश
  • विदेश
  • अन्य राज्य
No Result
View All Result
  • होम
  • यूपी
  • बिहार
  • दिल्ली
  • राजनीति
  • देश
  • विदेश
  • अन्य राज्य
No Result
View All Result
UP80
No Result
View All Result
Home देश

एक बीमार समाज से स्वामी अग्निवेश का जाना…

up80.online by up80.online
September 17, 2020
in देश, बिहार, यूपी
0
Agnivesh

Swami Agnivesh

0
SHARES
Share on FacebookShare on TwitterLinkedinWhatsappTelegramEmail

भगवाधारी गुंडों के बार-बार के हमले से टूट गए थे स्वामी अग्निवेश

यूपी80 न्यूज, प्रदीप सिंह

स्वामी अग्निवेश अंतत: दुनिया से कूच कर गये। स्वामी जी लंबे समय से बीमार थे और कुछ दिनों पहले उन्हें दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलेरी साइंसेज (आईएलबीएस) में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों के मुताबिक, शनिवार शाम 6 बजकर 30 मिनट पर दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हुआ। लेकिन यह बात सही नहीं है। एक बीमार समाज ने कदम-कदम पर स्वामी अग्निवेश की राह में रोड़े अटकाए। मजबूत इरादे और वैज्ञानिक सोच के इस व्यक्ति के हौसले को जब वे तोड़ नहीं सके तो उनपर प्राणघातक हमला किया।

एक संपन्न, प्रगतिशील और धनाड्य परिवार में जन्में और कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज में शिक्षा और अध्यापन करने वाले वेपा श्याम राव ने भारत की समस्या को अपने युवावस्था में ही पहचान लिया था। जन्मना जातिवाद, ऊंच-नीच और गरीब-अमीर के भेदभाव से ग्रस्त होकर बीमार हुये समाज को वे बुद्धिवाद, तर्क, आधुनिकता-प्रगतिशील और वैज्ञानिक सोच से स्वस्थ्य करना चाहते थे। औऱ आजीवन इसके लिये संघर्ष भी करते रहे। लेकिन बीमार को दवा कड़वी लगती है।

कांग्रेस का शासन हो या किसी दूसरे दल का, भारत का शासक वर्ग इस जातिवादी, सांप्रदायिक और पूंजीवादी बीमारी का उपचार करने की बजाय उसे नजरंदाज करने और पर्दे के पीछे उससे गठजोड़ करने की राह पर चलता रहा है। लेकिन 2014 से देश में सत्तारूढ संघ-भाजपा की सरकार इस जातिवादी,सांप्रदायिक बीमारी का इलाज करने की बजाय उसे बढ़ाने में लगी है। जिसके परिणामस्वरूप स्वामी अग्निवेश जैसे अंतरराष्ट्रीय ख्याति की शख्सियत पर प्राणघातक हमला किया गया। यह घटना एक बार नहीं दो-दो बार हुई। आश्चर्य की बात यह है कि झारखंड और दिल्ली में दोनों जगहों पर हमला करने वाले संघ-भाजपा के कार्यकर्ता-नेता थे। लेकिन आज तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

पिछले दिनों जिस तरह से झारखंड और दिल्ली में दो-दो बार संघ-भाजपा के गुंडों ने उनपर प्राणघातक हमला किया, उससे स्वामी अग्निवेश जी के स्वाभिमान और आत्मसम्मान को गहरी ठेस लगी थी। जीवन भर एक आदर्श एवं वैज्ञानिक विश्व का सपना देखने वाले शख्स के लिये यह असहनीय था।

स्वामी अग्निवेश के नाम से तो मैं लंबे समय से परिचित था लेकिन 2006 में दिल्ली आने के बाद अकसर उनसे मुलाकातें होती रहती थी। लेकिन 2018 में यथावत पत्रिका छोड़ने के बाद उनके साथ काम करने का मौका मिला और उनकों नजदीक से जानने का भी।

17 जुलाई 2018 को झारखंड के पाकुड़ जिले में संघी फासिस्टों के हमले ने अग्निवेश के हृदय को छलनी कर दिया था। वह घाव भर रहा था कि 17 अगस्त 2018 को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भाजपा मुख्यालय पर श्रद्धांजलि देने जाते समय हमला किया गया। उक्त दोनों घटनाओं ने उनके मनोविज्ञान को गहरा प्रभावित किया और वे गुमशुम रहने लगे।

स्वामी जी ने मुझसे कई बार कहा, “ प्रदीप जी इन दोनों हमलों ने मुझे तोड़ कर रख दिया है, लगता है कि मैं बीमार हो गया हूं और अब ठीक नहीं होऊंगा।”

एक दिन तो दो-तीन घंटे की मुलाकात में कई बार उपरोक्त कथन को दोहराया और मुझे झुंझलाहट जैसी हो गयी। मैंने कहा कि, “आपको कुछ नहीं हुआ है। दोनों घटनाओं को भूल जाइये।” स्वामी जी ने कहा, “कैसे भूल जाऊं, नहीं भूलता।”

स्वामी अग्निवेश के नाम से परिचय तो पहली बार किताबों और पत्र-पत्रिकाओं को पढ़ने से मिला। कानून और सामान्य ज्ञान की पुस्तकों को पढ़ने के दौरान बंधुआ मुक्ति मोर्चा और स्वामी अग्निवेश का नाम कई बार आंखों के सामने से गुजरा। पत्थर खदानों में मजदूरों के शोषण उत्पीड़न की जब भी कोई खबर आती तो स्वामी जी का नाम जरूर किसी न किसी संदर्भ में वहां मौजूद रहता। लेकिन मेरे मन-मष्तिष्क में एक सवाल सहज ही उठता। यह सवाल एक स्वामी का किसी आंदोलन से जुड़ने का था। कहां एक संन्यासी और कहां बंधुआ मजदूरों के हक की लड़ाई। एक संन्यासी जो सांसारिक-पारिवारिक जीवन को त्याग कर मजदूरों के अधिकारों की लड़ाई पत्थर खदानों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ रहा हो। साधुओं-संन्यासियों और मठाधीशों की एक परंपरागत छवि और व्यवहार के कारण मेरा मन-मष्तिष्क यह स्वीकार नहीं कर पाता था कि स्वामी अग्निवेश जैसा भगवा धारण करने वाला व्यक्ति सड़क से लेकर अदालत तक मजदूरों के लिए संघर्ष कर सकता है।

कई बार स्वामी जी से मिलने की इच्छा हुई लेकिन छात्र जीवन और उसकी सीमाओं के चलते मैं उनसे मिलने का कोई ठोस उपाय नहीं किया। छात्र जीवन में मां-बाप के सपनों की गठरी सिर पर लिए हुए मैं इलाहाबाद में सिर्फ योजनाएं बनाते रह गया।

विश्वविद्यालय में अध्ययन के दौरान मैं छात्र संगठन आइसा से जुड़ा था। मार्च 1997 की बात है। बिहार के सीवान जिले में जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष चंद्रशेखर प्रसाद को अपराधी छवि के राजद सांसद शहाबुद्दीन ने दिन-दहाड़े गोली मार कर हत्या करवा दी। चंद्रशेखर की शहादत के बाद समूचे उत्तर भारत के विश्वविद्यालयों में छात्रों में आक्रोश व्याप्त था। इसी कड़ी में दिल्ली के सप्रू हाउस में एक कंवेंशन आयोजित किया गया था। हम लोग इलाहाबाद से चंद्रशेखर की शहादत के उपलक्ष्य में दिल्ली के सप्रू हाउस आए हुए थे। भाकपा-माले के साथ ही सारे लेफ्ट दलों के नेता इस कंवेंशन में शामिल थे। वक्ताओं में स्वामी अग्निवेश भी थे। उस श्रद्धांजलि समारोह में स्वामी अग्निवेश राजनीति-पूंजी-धर्म और अपराधियों के गठजोड़ का मुद्दा उठाया।

फिलहाल, स्वामी जी इस समय सभी धर्मों के पाखंड, अंधविश्वास, संप्रदायिकता और पूजीवादी शोषण के खिलाफ संघर्ष की अलख जगा रहे थे। उनका जाना भारत ही नहीं समूचे विश्व मानवता के लिये अपूर्णनीय क्षति है। हृदय की गहराइयों से उनको नमन!

Previous Post

बिहार चुनाव 2020: ये हैं नीतीश कुमार के पंच रत्न

Next Post

संविदा के आधार पर 5 साल प्रस्तावित नौकरी का अपना दल एस ने किया विरोध

up80.online

up80.online

Related Posts

शरबत
यूपी

चौधरी चरण सिंह तिराहे पर शरबत सेवा शिविर का आयोजन, राहगीरों को मिली राहत

June 29, 2025
Yamuna river
अन्य राज्य

यमुना नदी के लिए दर-दर भिक्षा मांग रहे देवरिया के ‘लाल’ रविशंकर तिवारी

June 28, 2025
विदेश नीति
देश

विदेश नीति की विफलता के कारण भारत की वैश्विक छवि कमजोर हुई- शाहनवाज आलम

June 29, 2025
Next Post
contract job

संविदा के आधार पर 5 साल प्रस्तावित नौकरी का अपना दल एस ने किया विरोध

17 Sept

युवाओं ने “जुमला दिवस” व “राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस” के रूप में मनाया पीएम मोदी का जन्मदिन

farmers

कृषि अध्यादेश का तेज हुआ विरोध, भगत सिंह की जयंती पर अखिल भारतीय बंद का ऐलान

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recommended

प्रख्यात दंत चिकित्सक डॉ. शेषनाथ तिवारी को भावभीनी श्रद्धांजलि

प्रख्यात दंत चिकित्सक डॉ. शेषनाथ तिवारी को भावभीनी श्रद्धांजलि

7 days ago
विदेश नीति

विदेश नीति की विफलता के कारण भारत की वैश्विक छवि कमजोर हुई- शाहनवाज आलम

3 days ago
VP Singh

भूदान यज्ञ में जननायक वीपी सिंह ने अपनी 30 हजार बीघा जमीन दान कर दी थी

5 years ago
उपेंद्र कुशवाहा ने राजीव जायसवाल को दी बड़ी जिम्मेदारी, राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने किया संगठन विस्तार

उपेंद्र कुशवाहा ने राजीव जायसवाल को दी बड़ी जिम्मेदारी, राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने किया संगठन विस्तार

5 days ago

Categories

  • अखिलेश यादव
  • अन्य राज्य
  • तेजस्वी यादव
  • दिल्ली
  • देश
  • बड़ी खबर
  • बिहार
  • यूपी
  • यूपी विधानसभा चुनाव
  • राजद
  • राजनीति
  • विदेश
  • सपा

Topics

Akhilesh Yadav Anupriya Patel Apna Dal (S) Azamgarh Ballia Belthra Road bihar bjp BSP Congress death farmers Mirzapur Samajwadi Party Sonbhadra Uttar Pradesh Varanasi yogi govt अखिलेश यादव अनुप्रिया पटेल अपना दल (एस) आजमगढ़ उत्तर प्रदेश ओबीसी कांग्रेस किसान किसान आंदोलन केशव प्रसाद मौर्य कोरोना नीतीश कुमार पंचायत चुनाव बलिया बसपा बिहार बीजेपी बेल्थरा रोड भाजपा मायावती मिर्जापुर योगी सरकार वाराणसी सपा समाजवादी पार्टी सीएम योगी सोनभद्र

Highlights

सबसे बड़ा गुंडा कौन-ओमप्रकाश राजभर या कोई और?

प्रदेश में “सब चंगा” नहीं है, ओबीसी छात्रों को नहीं मिल रही है छात्रवृत्ति

डॉ.सोनेलाल पटेल की बेटी सहित इन चार महिला नेताओं का प्रदेश में जलवा

बसपा सुप्रीमो ने भतीजे आकाश आनंद को दी फिर बड़ी जिम्मेदारी

शादीशुदा बेटियों को मिलेगा पैतृक जमीन में हिस्सा?

प्रतापगढ़: मजदूरी मांगने पर मजदूर धर्मराज पटेल की हत्या

Trending

शरबत
यूपी

चौधरी चरण सिंह तिराहे पर शरबत सेवा शिविर का आयोजन, राहगीरों को मिली राहत

by up80.online
June 29, 2025
0

यूपी80 न्यूज, बेल्थरा रोड बलिया जनपद के बेल्थरा रोड में गर्मी से राहत देने के उद्देश्य से...

Yamuna river

यमुना नदी के लिए दर-दर भिक्षा मांग रहे देवरिया के ‘लाल’ रविशंकर तिवारी

June 28, 2025
विदेश नीति

विदेश नीति की विफलता के कारण भारत की वैश्विक छवि कमजोर हुई- शाहनवाज आलम

June 29, 2025
शाहूजी महाराज जयंती पर अखिलेश यादव ने लिया यह संकल्प

शाहूजी महाराज जयंती पर अखिलेश यादव ने लिया यह संकल्प

June 27, 2025
उपेंद्र कुशवाहा ने राजीव जायसवाल को दी बड़ी जिम्मेदारी, राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने किया संगठन विस्तार

उपेंद्र कुशवाहा ने राजीव जायसवाल को दी बड़ी जिम्मेदारी, राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने किया संगठन विस्तार

June 25, 2025

About Us

लोकतांत्रिक देश में मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहा जाता है। मीडिया का मुख्य कार्य जनसरोकार से जुड़ी खबरों को आम जनता तक पहुंचाना है, ताकि आम जनता उन योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठा सके। इसके अलावा सरकार की किसी भी योजना का आम जनता को कितना लाभ मिल रहा है, उसके जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र में आम जनता की समस्याओं का निराकरण कैसे करते हैं। लोकतंत्रिक देश में जनप्रतिनिधि अपनी जनता की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरते हैं। ये सभी जानकारी आपको www.up80.online पर मिलेंगी।

Follow us on social media:

Trending

चौधरी चरण सिंह तिराहे पर शरबत सेवा शिविर का आयोजन, राहगीरों को मिली राहत

यमुना नदी के लिए दर-दर भिक्षा मांग रहे देवरिया के ‘लाल’ रविशंकर तिवारी

विदेश नीति की विफलता के कारण भारत की वैश्विक छवि कमजोर हुई- शाहनवाज आलम

शाहूजी महाराज जयंती पर अखिलेश यादव ने लिया यह संकल्प

उपेंद्र कुशवाहा ने राजीव जायसवाल को दी बड़ी जिम्मेदारी, राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने किया संगठन विस्तार

छत्रपति शाहूजी महाराज की जयंती पर कानपुर महासम्मेलन

Others Links

  • Contact
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Terms and Conditions
  • About
  • Advertise
  • Contact

Copyright © 2019 up80.online

No Result
View All Result
  • Home
  • देश
  • राजनीति
  • विदेश
  • बिहार
  • यूपी
  • वीडियो
  • दिल्ली

Copyright © 2019 up80.online

error: Content is protected !!