एआईकेएससीसी AIKSCC ने अध्यादेश वापसी के लिए सभी दलों के सांसदों MP को लिखा पत्र, 14 सितंबर को पूरे देश में जिला मुख्यालयों व तहसीलों पर करेंगे प्रदर्शन
यूपी80 न्यूज, नई दिल्ली
हरियाणा की भाजपा सरकार द्वारा पीपली, कुरुक्षेत्र व अन्य 7 केंद्रों पर किसानों Farmers के साथ किए गए बर्बरतापूर्ण कृत्य की निंदा करते हुए अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी AIKSCC) ने केंद्र सरकार से तत्काल कृषि संबंधित तीनों अध्यादेशों को वापस लेने की मांग की है। ग्रुप के पदाधिकारियों ने इन अध्यादेशों के खिलाफ 14 सितंबर को संसद के सामने विरोध पदर्शन करेंगे। इस दौरान पूरे देश में किसान संगठनों द्वारा जिलों व तहसील मुख्यालयों का घेराव करेंगे।
बता दें कि ग्रुप ने 9 अगस्त को 3 अध्यादेशों, नए बिजली बिल और डीजल-पेट्रोल के दाम में वृद्धि के खिलाफ किसानों का देशव्यापी अनिश्चितकालीन संघर्ष शुरू किया था।
एआईकेएससीसी AIKSCC का नेतृत्व 14 सितंबर को इस विरोध कार्यक्रम को जारी रखते हुए दिल्ली में संसद के सामने विरोध आयोजित करेगा, जबकि करोड़ों की संख्या में किसान जिलों व तहसील मुख्यालयों को घेराव करेंगे। देश के किसान विदेशी शोषकों की सेवा के लिए, किसानों के साथ धोखाधड़ी करने, आत्मनिर्भरता का नारा देकर विदेशी कम्पनियों व भारतीय कारपोरेट को किसानों को लूटने के निमन्त्रण देने के आरएसएस के नजरियों के विरुद्ध हैं। ये तीनों अध्यादेश संसद के इस सत्र में कानून में बदले जाएंगे।
ये हैं तीनों अध्यादेश:
आवश्यक वस्तुओं का अध्यादेश, अनाज, दलहन, तिलहन, आलू, प्याज को व्यापार प्रतिबंधों व कीमत नियंत्रण से मुक्त करता है।
दूसरा मंडी समितियों का अध्यादेश कम्पनियों, ठेकेदारों व सूदखोरों द्वारा किसानों से सीधी खरीद करने की असीमित अनुमति देता है।
तीसरा किसानों को कारपोरेट के साथ अनुबंधों में बांध कर उन्हें मंहगी लागत खरीदने और कम्पनी के नाम अपनी सारी फसल को बंधक रखने के लिए बाध्य करता है, जिसमें उनके साथ धोखाधड़ी व हेराफेरी के खिलाफ सारी सरकारी सुरक्षा समाप्त हो जाएगी। ये कारपोरेट किसानों से सस्ते दाम पर फसल खरीदेंगे और उसे मंहगे रेट पर उपभोक्ता को बेचेंगे।
ये अध्यादेश संकटग्रस्त बड़े कारपोरेट को मदद देने के लिए बुलाए गये हैं, ताकि ये उस एकमात्र क्षेत्र को निचोड़ सकें, जो मोदी सरकार के अनुसार सन् 2020-21 की पहली तिमाही में 3.4 फीसदी की वृद्धि की है।
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मोदी सरकार का बिजली कानून, सभी लोगों के लिए बिजली दर 10 रुपये यूनिट से ज्यादा कर देगा, उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी के लिए प्रीपेड मीटर लगा देगा और गरीबी रेखा के नीचे, घरेलू व किसान उपभोक्ताओं की छूट समाप्त कर देगा।
मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल के 6 वर्षों में डीजल व पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 28 व 24 रुपये लीटर से बढ़ाई है। आज उपभोक्ता 1 लीटर पर 52 रुपये का टैक्स देते हैं, जबकि कच्चे तेल के दाम 106 रुपये से घट कर 40 रुपये पर आ गये। इस बीच एआईकेएससीसी ने सभी सांसदों व पार्टियों को लिखकर निवेदन किया है कि वे इन किसान विरोधी कदमों को वापस कराएं।
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