यूपी80 न्यूज, लखनऊ
इंदिरा भवन स्थित उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने मंगलवार को लखनऊ स्थित कार्यालय में विभिन्न जनपदों से प्राप्त शिकायतों की सुनवाई करते हुए कई अहम निर्णय लिए। अध्यक्ष ने डॉ. पारूल सिंह द्वारा उनके पति डॉ. आनंद कुमार को मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज में सहायक आचार्य के पद पर कार्यभार ग्रहण न कराने की शिकायत पर आयोग ने त्वरित कार्रवाई की। निर्देशों के तहत कार्यभार ग्रहण करा दिया गया। प्रतिनिधि ने सूचित किया कि अब कोई शिकायत शेष नहीं है। मामला निस्तारित कर दिया गया।
आयोग के अध्यक्ष राजेश वर्मा ने बाराबंकी के फरियादी शिव कुमार की शिकायत पर सुनवाई के दौरान रामसनेहीघाट के उपजिलाधिकारी की अनुपस्थिति पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने एसडीएम का स्पष्टीकरण मांगा और 23 दिसंबर को उप जिलाधिकारी एवं क्षेत्राधिकारी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर पक्ष रखने के निर्देश दिए।
इसके अलावा सीतापुर की रेखा देवी का जाति प्रमाण पत्र जारी न होने के मामले में जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी महमूदाबाद की अनुपस्थिति पर कड़ी नाराजगी जताई गई। आयोग ने इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए उपजिलाधिकारी, महमूदाबाद के विरुद्ध शासन को निर्देशों की अवहेलना के संबंध में पत्र भेजने का निर्णय लिया। एक अन्य शिकायत की सुनवाई के दौरान रामजी के पुत्र के गलत दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी होने के मामले में आयोग ने गहरी नाराजगी जताई। सही प्रमाण पत्र जारी करने के लिए 23 दिसंबर की तिथि तय की गई। सीएमओ को निर्देश दिया कि इस प्रकार की लापरवाही भविष्य में न हो और ऐसे मामलों का त्वरित निस्तारण किया जाए।
फरियादी दीपक कुमार की शिकायत पर सुनवाई के दौरान बागपत पुलिस द्वारा फर्जी मुकदमे में फंसाने के मामले को गंभीरता से लिया गया। आयोग ने पुलिस अधीक्षक, बागपत को निष्पक्ष और विस्तृत जांच कराने का निर्देश दिया। जल्दबाजी में चार्जशीट दाखिल न करने और लापरवाही करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की सिफारिश की गई। आयोग ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि शिकायतों का समयबद्ध और निष्पक्ष निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।
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