यूपी 80 न्यूज़, लखनऊ
उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनाव के बाद जो भी सरकार बनेगी, उसका कार्यकाल मात्र दो साल का ही होगा। ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ की व्यवस्था लागू होने पर दो साल के भीतर दो बार विधानसभा के चुनाव होंगे।
उत्तर प्रदेश में 1991 व 1996 में लोकसभा और राज्य विधानसभा के चुनाव एक साथ हुए थे। यूपी असेम्बली के स्पीकर सतीश महाना कहते हैं कि रामनाथ कोविंद समिति ने सिफारिशों में कहा है कि 2024 के बाद देश में जिस राज्य में विधानसभा चुनाव होंगे, उसका कार्यकाल 2029 में लोकसभा के कार्यकाल के साथ ही समाप्त हो जाएगा। यूपी में अगला विधानसभा चुनाव 2027 में होगा। उसके बाद 2029 में विधानसभा के मध्यावधि चुनाव कराने होंगे।
जानकार बताते हैं कि कोविंद समिति की सिफारिशों के आधार पर इस संबंध में कानून बनेगा, तभी पता चल सकेगा कि समिति की किन सिफारिशों को अधिनियम में शामिल किया गया। जरूरी नहीं है कि हर सिफारिश कानून का अंग बने। लखनऊ यूनिवर्सिटी में राजनीति शास्त्र के प्रो. संजय गुप्ता कहते हैं कि विधानसभा का कार्यकाल का विषय संविधान के मूलभूत ढांचे बेसिक स्ट्रक्चर के अंतर्गत नहीं आता है। इस कार्यकाल को कम या ज्यादा करने के लिए संविधान में संशोधन हो सकता है। लोकसभा चुनाव के 100 दिन बाद स्थानीय निकायों के चुनाव का सुझाव दिया है, निकाय चुनाव के साथ विधानसभा के चुनाव का प्रावधान किया जाता तो ज्यादा ठीक रहता।