मात्र 20 परसेंट ओबीसी छात्रों के शुल्क प्रतिपूर्ति दे रही है सरकार: ओपी राजभर
लखनऊ, 28 जनवरी
पिछड़ों की हिमायती का दावा करने वाली उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पिछड़ा वर्ग के छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। प्रदेश के 21 लाख ओबीसी छात्रों की छात्रवृति के लिए मात्र 600 करोड़ रुपए का इंतजाम किया गया है। जबकि प्रदेश के मात्र 7 लाख सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए 690 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने यह जानकारी देते हुए योगी सरकार पर हमला बोला है। ओमप्रकाश राजभर ने कहा है कि पिछड़ी जाति के नेता अपने स्वार्थ की वजह से लाचार हैं। उन्होंने विपक्ष के नेताओं को भी इस मामले में मौन धारण करने पर आड़े हाथों लिया है। ओपी राजभर ने कहा है कि योगी सरकार पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं के साथ भेदभाव कर रही है।
बढ़ने की बजाय घट गया बजट:
पूर्व कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर ने कहा है कि वर्ष 2018-19 में छात्र-छात्राओं की संख्या 18.5 लाख थी, 2019-20 में पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़कर 21 लाख हो गई है। नियमानुसार प्रतिवर्ष 10 से 15 परसेंट बजट बढ़ाने का प्रावधान है, लेकिन बजट आवंटित 2019-20 में छात्र-छात्राओं की संख्या 21 लाख हो गई। सरकार ने पिछड़े वर्ग का बजट बढ़ाने की बजाय 278 करोड़ रुपए कम कर दिया है। नियमत: ओबीसी का बजट 2070 करोड़ होना चाहिए। जिसकी वजह से 20 परसेंट ओबीसी छात्र-छात्राओं को ही शुल्क प्रतिपूर्ति सरकार दे रही है। दूसरी ओर सामान्य वर्ग के छात्र-छात्राओं को 85 परसेंट शुल्क प्रतिपूर्ति सरकार दे रही है।
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ओबीसी को मिलने वाली राशि:
ओबीसी छात्रों को आईटीआई में 20 हजार, बीकॉम में 10 हजार, बीएड में 30 हजार, बीटेक व एमटेक में 50 हजार रुपए बीजेपी सरकार दे रही है। दूसरी ओर, सामान्य वर्ग के छात्रों को सभी पाठ्यक्रमों में 50 हजार रुपए प्रति छात्र दे रही है।
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