यूपी80 न्यूज, लखनऊ
बेरोज़गारी के सवाल पर एकजुट देशभर के 113 संगठनों के ‘संयुक्त युवा मोर्चा Sanyukt Yuva Morcha’ ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की घोषणा कर दी है। युवा हल्ला बोल Yuva Halla Bol के कार्यकारी अध्यक्ष व रोज़गार आंदोलन के नेता गोविन्द मिश्रा Govind Mishra ने बताया कि कार्यकारिणी की पहली बैठक में तय हुआ कि देशभर में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से ‘भारत रोजगार संहिता’ यानि भरोसा पर जनमत तैयार किया जाएगा। मोर्चा के कई घटकों ने विभिन्न कार्यक्रमों और बैठकों की रिपोर्ट पेश की, जिसमें प्रयागराज, लखनऊ, सोनभद्र, देहरादून, भोपाल, सुपौल बैठकों की चर्चा हुई।
गोविन्द मिश्रा ने बताया कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी का मुख्य काम देशभर में शिक्षा व रोज़गार जैसे अहम मुद्दों पर अलग अलग काम कर रहे संगठनों को एकजुट करना होगा। बीते 3 अप्रैल को देश की राजधानी दिल्ली में ‘युवा हल्ला बोल’ संस्थापक अनुपम Anupam की पहल पर देश भर के 113 संगठनों के प्रतिनिधियों की अहम बैठक हुई थी। बैठक में अर्थशास्त्री संतोष मेहरोत्रा और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष रहे अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने भी शिरकत किया। आम सहमति बनी कि देश में बेरोजगारी रुपी आपदा से लड़ने के लिए एक ‘संयुक्त युवा मोर्चा’ का गठन हो। 4 अप्रैल को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर युवा नेता अनुपम ने ‘संयुक्त युवा मोर्चा’ के गठन की घोषणा की थी।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण, देश के पूर्व सूचना आयुक्त यशोवर्धन आज़ाद समेत जम्मू कश्मीर, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु से मोर्चा के नेता भी शामिल रहे। ‘संयुक्त युवा मोर्चा’ के द्वारा पारित प्रस्ताव के जरिए कहा गया था कि बेरोज़गारी के गहरे संकट से पीड़ित युवाओं को हताशा और निराशा से निकालकर उम्मीद और समाधान की ओर ले जाएंगे। प्रस्ताव में हर वयस्क को अपने घर के नज़दीक न्यूनतम आय पर रोज़गार का अधिकार, सभी रिक्त सरकारी पदों पर समयबद्ध भर्ती, स्थायी नौकरियों में संविदाकरण पर रोक और ‘मोडानीकरण’ की कूटनीति को बंद किए जाने की मांग पर सहमति बनी थी।

संयुक्त युवा मोर्चा का मानना है कि हमारे देश के युवाओं को सरकार से यह ‘भरोसा’ चाहिए कि उनके भविष्य के साथ और खिलवाड़ नहीं होगा। यह भरोसा है ‘भारत रोजगार संहिता’, जिसके लिए हमें सामूहिक रूप से लड़ना होगा। जनसमुदाय के बीच बदलाव की यह उम्मीद पैदा करने के लिए संभव एकता के साथ जनान्दोलन की जरूरत है। “भरोसा” को केंद्रित कर व्यापक एकता के लिए साझा संकल्प के साथ संयुक्त प्रयास की जरूरत है।
युवा नेता अनुपम ने ‘संयुक्त युवा मोर्चा’ के समक्ष मौजूद चुनौतियों को रेखांकित करते हुए कहा कि आज हमारे सामने एक ऐसा बहुसंख्यकवादी शासन है जो हमारी साझा संस्कृति और लोकतांत्रिक संस्थाओं को नष्ट करने पर आमादा है। हम अपने देश को हाथ से निकलने नहीं देंगे, न अपने युवाओं को पीड़ा सहने देगे। देश के करोड़ों युवाओं के अंदर उम्मीद जगाना होगा। हर दौर और युग में, युवा ही प्रत्येक बदलाव के अगले मोर्चे पर रहे हैं। आज भी, एक युवा आंदोलन के अंदर ही देश को सही रास्ते पर लाने और हमारे सपनों का भारत बनाने की क्षमता है।
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