पिछले 5 सालों में 339 जवान जम्मू-कश्मीर में शहीद हो गए
It was therefore necessary to remove section 370 from Jammu and Kashmir.
नई दिल्ली, 5 अगस्त
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाना और वहां पर अमन चैन बहाल करना क्यों महत्वपूर्ण है। इसका अंदाजा आप केवल पिछले पांच सालों में जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए जवानों की संख्या से खुद अंदाजा लगा सकते हैं। पिछले पांच सालों (वर्ष 2014 से वर्ष 2018 तक) में जम्मू-कश्मीर में 339 जवान शहीद हो गए। मोदी सरकार फर्स्ट में गृहराज्य मंत्री रहे हंसराज गंगाराम अहीर ने इस साल 5 फरवरी 2019 को लोकसभा में यह जानकारी दी थी। ऐसे में पिछले 70 सालों में हमारे कितने जवान कश्मीर में शहीद हुए, इसका अंदाजा आप स्वत: लगा सकते हैं।
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वर्ष 2014 से 2018 के बीच कुल 1708 आतंकवादी हमले हुए, जिनमें 339 जवान शहीद हो गए। वर्ष 2014 में 47 जवान शहीद हुए थे, लेकिन वर्ष 2018 में यह संख्या बढ़कर 91 हो गया था। वर्ष 2014 में राज्य में 222 आतंकवादी हमले हुए थे, जबकि वर्ष 2018 में यह संख्या बढ़कर 614 हो गए थे। इस दौरान 138 नागरिकों की भी मौत हो गई। हालांकि एक न्यूज वेबसाइट के मुताबिक पिछले 28 सालों में जम्मू-कश्मीर में 70000 से अधिक आतंकी घटनायें घटित हुईं। इस दौरान 5123 जवान शहीद हुए, 22143 आतंकी मारे गए और 13976 नागरिकों को जान गंवानी पड़ी।
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