अधिकारियों को ड्यूटी के साथ सामाजिक दायित्व की भी नसीहत दी जा रही है
लखनऊ, 27 अगस्त
उत्तर प्रदेश की नई राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने जिस दिन से प्रदेश की कमान संभाला है, सूबे की फिजा में बदलाव दिखने लगा है। प्रदेश में नेताओं और अधिकारियों को उनके कामकाज से लेकर नैतिक जिम्मेदारी का पाठ भी पढ़ाया जा रहा है। खास बात यह है कि इस पाठ को पढ़ाने वाली सूबे की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल पहले खुद इनपर अमल करती हैं।
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि प्रत्येक कार्य की समय-सीमा तय हो और निर्धारित अवधि में कार्य पूर्ण हों। उन्होंने अपर मुख्य सचिव हेमंत राव और लखनऊ के डीएम कौशल राज को निर्देश दिया है कि प्रत्येक विकास कार्य समय सीमा में पूरे हों। अधिकारी अस्पतालों का लगातार निरीक्षण करें। स्कूलों में कुपोषित बच्चों के आहार की व्यवस्था हो। किसानों को ऋण वितरण में बैंक तेजी दिखाए। सड़कों के किनारे खासकर रिंग रोड पर झुग्गी-झोपड़ियां न हों।
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आनंदीबेन पटेल ने 29 जुलाई को प्रदेश की राज्यपाल के तौर पर पदभार ग्रहण किया। पदभार ग्रहण करने से पहले ही अधिकारियों एव मिलने वाले अतिथियों को संदेश जारी कर दिया गया कि नई राज्यपाल केवल पुस्तक व भोजन ही उपहार के तौर पर स्वीकार करेंगी। गुलदस्ते स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
पदभार ग्रहण करते ही आनंदीबेन पटेल अनाथ बच्चों से मिलने अनाथ आश्रम पहुंच गईं। वहां पर उन्होंने इन बच्चों से जानकारी ली एवं रसाई में जाकर निरीक्षण किया।
हर विश्वविद्यालय पांच गांव गोद लेगा:
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पिछले दिनों गोरखपुर में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में कहा, “जल्द ही राज्य का हर विश्वविद्यालय पांच गांव गोद लेगा और हर कॉलेज एक गांव को गोद लेगा।”
टीबी मरीजों को गोद लेने की अपील:
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की पहल पर राजभवन के अधिकारियों ने टीबी ग्रस्त 21 बच्चों को गोद लिया। इससे पहले आनंदीबेन पटेल ने खुद टीबी पीड़ित 2 बच्चों को गोद लिया। राज्यपाल इन बच्चों की दवा और पौष्टिक भोजन की खुद व्यवस्था करेंगी।
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