विधानसभा सत्र के अंतिम दिन राम गोविंद चौधरी और लालजी वर्मा ने उठाया मुद्दा
लखनऊ, 29 फरवरी
अपर निजी सचिव संघ के अध्यक्ष अमर सिंह पटेल की बर्खास्तगी के खिलाफ विपक्ष के नेताओं ने विधानसभा सत्र के अंतिम दिन आवाज उठायी। विपक्ष ने अमर सिंह पटेल की बर्खास्तगी वापस लेने की मांग की। विधानसभा में समाजवादी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी और बहुजन समाज पार्टी के नेता प्रतिपक्ष लालजी वर्मा एवं बहुजन समाज पार्टी की विधायक सुषमा पटेल ने इस मामले को प्रमुखता से उठाते हुए मांग की कि इन्हें नौकरी से बर्खास्त न किया जाए।
रामगोविंद चौधरी ने कहा कि अमर सिंह पटेल पिछड़ा वर्ग के कुर्मी जाति से आते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर कुछ टिप्पणी की थी, जिसपर वह क्षमा मांग चुके हैं। उधर, बसपा की विधायक सुषमा पटेल ने कहा कि जब इनके खिलाफ आरोप सिद्ध ही नहीं हो पाया तो उनके खिलाफ इतनी बड़ी कार्रवाई क्यों की गई?
हालांकि इस मामले में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि हमें जानकारी नहीं है। यह मामला हम दिखवा लेंगे। किसी की नौकरी लेने का हमारा उद्देश्य नहीं है।
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बता दें कि अमर सिंह पटेल की बर्खास्तगी के लिए सरकार की तरफ से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को पत्र लिखा गया है। इस मामले को लेकर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग में गहरी नाराजगी है। क्योंकि अमर सिंह पटेल प्रदेश के पिछड़ा वर्ग से आने वाले सरकारी कर्मचारियों के बीच काफी लोकप्रिय हैं।
क्या है मामला:
नेशनल जनमत वेबसाइट के मुताबिक गोरखपुर विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर हुई नियुक्तियों में सामान्य के पदों पर अकेले 56 परसेंट ठाकुर व 40 परसेंट ब्राह्मणों का चयन हुआ। इन्हीं नियुक्तियों पर सवाल उठाती हुई एक पोस्ट उ.प्र. सचिवालय में अपर निजी सचिव के रूप में तैनात व अपने संघ के 2011 से लगातार अध्यक्ष अमर सिंह पटेल से गलती से व्हाट्सअप ग्रुप में शेयर हो गई।
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