यूपी 80 न्यूज, लखनऊ
बेसिक शिक्षा परिषद ने प्राइमरी और जूनियर विद्यालयों में तैनात शिक्षकों के जिले के अंदर तबादले और समायोजन के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। 19 जुलाई तक शिक्षकों के तबादला-समायोजन की प्रक्रिया को हर हाल में पूरा करना होगा।
बेसिक शिक्षा परिषद सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हुए कहा कि जहां शिक्षकों की संख्या ज्यादा है, वहां से कम संख्या वाले विद्यालयों में समायोजित किए जाएंगे। शिक्षक समायोजन के लिए अधिकतम 25 विद्यालयों का विकल्प दे सकेंगे। जिले में समायोजन के लिए डीएम की अध्यक्षता में समिति होगी, जिसके उपाध्यक्ष सीडीओ, डायट प्राचार्य, वित्त और लेखाधिकारी बेसिक और बीएसए सदस्य होंगे। करीब 50 हजार शिक्षकों का ट्रांसफर होगा। विद्यालयों की आवश्यकता के आधार पर शिक्षकों का समायोजन होगा। अधिक शिक्षक वाले विद्यालयों में शिक्षकों की जिले की नियुक्ति की तारीख के आधार पर जूनियर शिक्षक को अधिक मानते हुए उन्हें चिन्हित किया जाएगा। एक ही विषय के दो शिक्षक होने पर जूनियर टीचर का समायोजन किया जाएगा। जिन विद्यालयों में शिक्षकों की आवश्यकता ज्यादा होगी, वहां खाली पदों की सूची जारी होगी। ऑनलाइन आवेदन पत्रों का सत्यापन जिला स्तरीय समिति भी करेगी। बाकी प्रक्रिया एनआईसी के माध्यम से की जाएगी।
बेसिक शिक्षा परिषद सचिव की तरफ से जारी किए गए, शेड्यूल में 2 जुलाई से इस प्रक्रिया की शुरुआत होगी। पहले दिन 2 जुलाई तक अधिक अध्यापक संख्या वाले विद्यालयों और अध्यापक की आवश्यकता वाले विद्यालयों की पहचान किया जाना है। इसके बाद 5 जुलाई तक अधिक अध्यापक संख्या वाले चिन्हित विद्यालयों में जरुरत के आधार पर शिक्षक एवं शिक्षिका को चिन्हित कर आवश्यकता वाले विद्यालय में शिक्षक एवं शिक्षिका की आवश्यकता की सूची तैयार की जाएगी। फिर 10 जुलाई तक, शिक्षक और शिक्षिकाओं द्वारा सम्बन्धित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आपत्ति प्रस्तुत कर, समिति के माध्यम से आपत्ति का निस्तारण किया जाएगा। 11 जुलाई तक आवश्यकता से अधिक अध्यापक वाले विद्यालयों में चिन्हित अध्यापकों से 25 आवश्यकता वाले विद्यालयों का विकल्प ऑनलाइन प्राप्त किया जाएगा। फिर 13 जुलाई तक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा प्राप्त ऑनलाइन आवेदनों को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से वेरीफाई किया जाएगा। 15 जुलाई तक राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र की ओर से आवश्यकता से अधिक अध्यापक वाले विद्यालयों में चिन्हित अध्यापकों से प्राप्त विकल्प के आधार पर अन्तःजनपदीय स्थानान्तरण की सूची प्रदर्शित की जाएगी। 17 जुलाई तक अधिक अध्यापक वाले विद्यालय में चिन्हित शिक्षक और शिक्षिका को सेवा आवधि के आधार पर आरोही क्रम में और अध्यापक की आवश्यकता वाले विद्यालय को छात्र संख्या के आधार पर, छात्र संख्या बराबर होने पर अंग्रेजी वर्णमाला के अनुसार अवरोही कम में सूचीबद्ध किया जाएगा। 19 जुलाई तक राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र द्वारा ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से समायोजन की सूची प्रदर्शित किया जाना और स्थानान्तरित- समायोजित शिक्षक और शिक्षिकाओं को कार्यमुक्त, कार्यभार ग्रहण कराया जाना। समायोजन की प्रक्रिया से करीब 50000 से अधिक शिक्षकों को लाभ होगा। ग्रामीण परिवेश के शिक्षक ग्रामीण क्षेत्र में और नगर क्षेत्र के शिक्षकों का समायोजन नगर क्षेत्र में किया जाएगा। मानव संपदा पोर्टल पर मिले डाटा के अनुसार शहरी क्षेत्र से जुड़े विद्यालयों में छात्रों की संख्या कम है पर शिक्षकों की संख्या ज्यादा है और ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में छात्रों की संख्या अधिक है पर शिक्षकों की संख्या काफी कम है। जहां पर शिक्षकों की संख्या अधिक और छात्रों की कम है वहां से शिक्षकों को समायोजित कर दूसरे विद्यालय में भेजा जाएगा। उत्तर प्रदेश में साढे़ चार लाख से अधिक शिक्षक बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात हैं। नियम के अनुसार प्राथमिक विद्यालय में 35 छात्रों पर एक शिक्षक, 70 छात्रों पर दो शिक्षक और 70 से 115 छात्रों पर तीन शिक्षक होने चाहिये। उच्च प्राइमरी विद्यालयों में 40 छात्रों पर एक शिक्षक, 80 पर दो शिक्षक और 80 से लेकर 120 छात्रों पर तीन शिक्षक, डेढ़ सौ छात्र होने पर एक प्रधान अध्यापक का पद होना अनिवार्य है। प्रदेश में विद्यालयों के जो डाटा सामने आए हैं, उसमें ग्रामीण क्षेत्रों में छात्र संख्या अधिक है। ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षकों की संख्या काफी कम है ऐसे में जिले के भीतर जिन विद्यालयों में शिक्षक छात्र अनुपात खराब है, वहां समायोजन के माध्यम से शिक्षकों की व्यवस्था सही की जाएगी।