यूपी80 न्यूज, प्रयागराज
चर्चित बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की शुक्रवार शाम को उनके घर पर गोली मार कर हत्या कर दी गई। इस दौरान उनके दो सुरक्षाकर्मी भी बुरी तरह से घायल हो गए। इनमें से इलाज के दौरान एक सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई। घटना के दौरान गोली और बम की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका थर्रा उठा।
जानकारी के अनुसार उमेश पाल शुक्रवार की शाम कचहरी से कार से धूमनगंज स्थित अपने घर पहुंचे। इसी दौरान उन पर हमलावरों ने हमला किया। घटना के बाद धूमनगंज और आसपास का पूरा इलाका छावनी में तब्दील हो गया है।
बता दें कि शहर पश्चिम से विधायक रहे राजू पाल की 25 जनवरी 2005 में धूमनगंज इलाके में हत्या कर दी गई थी। इस मामले में उनके रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह थे। उमेश पाल ने इस मामले में लोअर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट में राजू पाल हत्याकांड की पैरवी की थी। जिसकी वजह से माफिया अतीक अहमद के गिरोह से उनकी खुलेआम दुश्मनी हो गई थी।
2016 में हुआ था अपहरण:
कचहरी में गवाही देने गए उमेश पाल का 2016 में अपहरण कर लिया गया था। इस मामले में अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ सहित के लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। उमेश वकील भी थे। शुक्रवार को उमेश की गवाही थी। कचहरी से वह अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ धूमनगंज स्थित अपने घर पर पहुंचे। लेकिन जैसे ही वह घर पर गाड़ी से उतरे, पहले से घात लगाए हमलावरों ने उन्हें गोली मार दी। इस दौरान उनके सरक्षाकर्मी भी घायल हो गए। तीनों को एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों ने उमेश पाल को मृत घोषित कर दिया।
बता दें कि 2004 में अतीक अहमद के फूलपुर से सांसद बनने के बाद शहर पश्चिमी सीट रिक्त हो गई। यहां पर 2005 में हुए उपचुनाव में राजू पाल ने अतीक अहमद के भाई अशरफ को पटखनी दी थी। चुनाव के बाद राजू पाल की दिन दहाड़े हत्या कर दी गई थी। इस मामले में उमेश पाल मुख्य गवाह थे।