यूपी80 न्यूज, लखनऊ
मिशन 2024 के तहत भाजपा उत्तर प्रदेश फतह के लिए हर जतन कर रही है। देश के सात राज्यों में राज्यपाल के तौर पर राजभवन की शोभा उत्तर प्रदेश के सात लाल बढ़ा रहे हैं। मजे की बात यह है कि इनमें से छह लाल पूर्वांचल से ताल्लुक रखते हैं। इन चेहरों के जरिए भाजपा पूर्वांचल के मतदाताओं को साधने की कोशिश कर रही है। हालांकि इनमें सर्वाधिक संख्या ब्राह्मण समाज से आने वालों की है। इनमें से तीन ब्राह्मण, एक भूमिहार, एक ओबीसी, एक अनुसूचित जाति और एक मुस्लिम समाज से हैं।
पिछले सप्ताह केंद्र सरकार द्वारा 13 राज्यों में किए गए राज्यपालों की नियुक्ति व फेरबदल के दौरान पूर्वांचल से आने वाले भाजपा के दो वरिष्ठ नेताओं को भी राज्यपाल बनाया गया है। इनमें गोरखपुर से आने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ला और मीरजापुर के रहने वाले लक्ष्मण आचार्य शामिल हैं।
यूपी से ताल्लुक रखने वाले ये हैं आठ राज्यों के राज्यपाल:
कलराज मिश्रा- राजस्थान – ब्राह्मण
मनोज सिन्हा – जम्मू कश्मीर – भूमिहार
फागू चौहान – पहले बिहार, अब मेघालय – ओबीसी, नोनिया
आरिफ मोहम्मद- केरल (बुलंदशहर निवासी आप बहराइच के सांसद भी रह चुके हैं) – मुस्लिम
शिव प्रताप शुक्ला – हिमाचल प्रदेश – ब्राह्मण
लक्ष्मण आचार्य – सिक्किम – अनुसूचित जाति
बीडी मिश्रा – लद्दाख – ब्राह्मण
पूर्वांचल पर विशेष जोर:
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोनों पूर्वांचल से आते हैं। बावजूद इसके लोकसभा चुनाव 2019 और विधानसभा चुनाव 2022 में पूर्वांचल में भाजपा को गहरा झटका लगा। विधानसभा चुनाव के दौरान पूर्वांचल के आजमगढ़, गाजीपुर, मऊ, बलिया और जौनपुर में भाजपा को भारी नुकसान हुआ। समाजवादी पार्टी गठबंधन को यहां बढ़त मिली थी। ऐसी स्थिति में इन क्षेत्रों को और अधिक मजबूत करने के लिए भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने यह कदम उठाया है। आजमगढ़ से फागू चौहान, गाजीपुर से कलराज मिश्रा और मनोज सिन्हा, भदोही से बीडी मिश्रा ताल्लुक रखते हैं। इनके अलावा केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान बुलंदशहर के रहने वाले हैं, लेकिन ये बहराइच से सांसद रह चुके हैं।