यूपी80 न्यूज, चोपन/सोनभद्र
जनपद के चोपन क्षेत्र Chopan river में सोन नदी Son River के किनारे स्थित चौरा गांव, बिजोरा, अगोरी से अवैध बालू खनन Illegal mining बालू धड़ल्ले से हो रहा है, जिसकी वजह से प्रदेश सरकार के राजस्व विभाग को प्रतिदिन लगभग लाखों रुपए के राजस्व की हानि हो रही है। खनन विभाग, वन विभाग, स्थानीय प्रशासन के लिए इस क्षेत्र के बालू माफिया चुनौती बने हुए हैं।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अवैध खनन नियंत्रण के कितने भी दावे कर ले, लेकिन बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश का सीमावर्ती जिला सोनभद्र में ये सारे दावे खोखले साबित हो रहे हैं। जिले से गुजरने वाली सोन नदी को दबंग बालू माफिया अपने स्वार्थ सिद्ध के लिए दिन-रात पोकलेन और बड़ी-बड़ी जेसीबी मशीनों से अवैध बालू खनन कर नदी को छलनी कर रहे हैं। सोन नदी के सेंचुरी एरिया सहित चौरा, बिजोरा, अगोरी क्षेत्र में बालू माफिया एनजीटी के नियमों को ताक पर रखकर दिन-रात बेकौफ होकर बालू निकालें जा रहें हैं। बालू निकलता है 3 नंबर से और परमिट कटता है 1 नंबर से, सीमा से बढ़कर नदी के बीच धारा से आगे बढ़कर करगरा सीमा में जंगलों में बोल्डर का रास्ता बना कर अवैध बालू खनन किया जा रहा है। खनन विभाग, स्थानीय पुलिस प्रशासन, राजस्व विभाग और वन विभाग के साथ बालू माफियाओं की मिलीभगत से उत्खनन का पूरा काम धड़ल्ले से हो रहा है।

मीडिया में खबरें आने के बाद प्रशासन अपनी नाक बचाने के लिए दिखावे के तौर पर 1-2 पोकलैन मशीन और 1-2 हाईवा उठाकर खानापूर्ति कर देती है। मजे की बात यह है कि जब विभाग द्वारा अवैध साइडों पर छापेमारी की जाती है तो विभाग के अधिकारियों के पहुंचने से पहले ही अवैध बालू उत्खनन में लगी हुई बड़ी-बड़ी पोकलेन, जेसीबी मशीनें और सैकड़ों हाईवा, ट्रक, डंपर, टीपर वहां से गायब कर दिए जाते हैं जो प्रशासन के सॉठ-गॉठ के बिना संभव नहीं है।
