यूपी80 न्यूज, वाराणसी
आउटसोर्स कर्मचारियों के उत्पीड़न को रोकने की कवायद शुरू हो गई है। संयुक्त परिषद के पत्र के आधार पर मुख्यमंत्री कार्यालय से श्रम एवं सेवायोजन विभाग को आउटसोर्स कर्मचारियों की न्यूनतम में मजदूरी तय करने एवं उनके लिए नीति बनाने के निर्देश भेजे गए हैं।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष जेएन तिवारी ने बताया कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रतिनिधि मंडल के साथ मुख्यमंत्री की मुलाकात के दौरान आउटसोर्स कर्मचारियों का मुद्दा उठाया गया था। आउटसोर्स कर्मचारियों के साथ हो रही मनमानी, समय से मानदेय का भुगतान नहीं किया जाना एवं मनमानी ढंग से मानदेय के भुगतान किए जाने का प्रकरण मुख्य रूप से उठाया गया था। मुख्यमंत्री ने आउटसोर्स कर्मचारियों के उत्पीड़न के प्रति अपनी चिंता प्रकट करते हुए इनका उत्पीड़न समाप्त करने का आश्वासन दिया था।
संयुक्त परिषद के पत्र के आधार पर मुख्यमंत्री कार्यालय से श्रम एवं सेवायोजन विभाग को आउटसोर्स कर्मचारियों की न्यूनतम में मजदूरी तय करने एवं उनके लिए नीति बनाने के निर्देश भेजे गए हैं। इसकी सूचना संयुक्त परिषद को भी कार्मिक विभाग से उपलब्ध कराई गई है l सेवायोजन विभाग की नीति को कैबिनेट की हरी झंडी का इंतजार है। नीति जारी हो जाने के बाद आउटसोर्स कर्मचारी को न्यूनतम मानदेय मिलेगा। प्रत्येक माह के 15 तारीख से पहले मानदेय का भुगतान करना होगा। सेवा प्रदाता एजेंसी किसी आउटसोर्स कर्मचारी को मनमानी ढंग से निकाल नहीं सकेगी। चयन समिति के माध्यम से चयन होगा, जिसमें प्रशासकीय विभाग का प्रतिनिधि भी मौजूद रहेगा। आउटसोर्स कर्मचारी के कार्यों की समीक्षा प्रशासकीय विभाग करेगा एवं बिना प्रशासकीय विभाग की संस्तुति के कोई आउटसोर्स कर्मचारी सेवा से निकाला नहीं जाएगा।
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