रायबरेली छीनकर कांग्रेस मुक्त प्रदेश बनाना चाहती बीजेपी
के.के.वर्मा, लखनऊ
लोकसभा चुनाव में पहले चरण का मतदान हो चुका है, दूसरे चरण की तैयारी है, लेकिन उत्तर प्रदेश की वीवीआईपी रायबरेली लोकसभा सीट को लेकर अभी सन्नाटा है। रायबरेली लोकसभा सीट के लिए 26 अप्रैल से नामांकन भरने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।कांग्रेस, बीजेपी और बहुजन समाज पार्टी में से किसी ने भी अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
सांसद सोनिया गांधी के राज्यसभा चले जाने के बाद कयास हैं कि कांग्रेस प्रियंका गांधी या राहुल गांधी को रायबरेली से उतार सकती है। बीजेपी को कांग्रेस का इंतजार है और बीएसपी भी इन दोनों की घोषणा के इंतजार में है। बीजेपी रायबरेली सीट को लेकर काफी गम्भीर है। डिप्टी सीएम केशव मौर्य कई बार मंचों से खुला ऐलान कर चुके हैं कि अबकी बार रायबरेली और मैनपुरी भी ले लेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो कहते हैं कि कांग्रेस मुक्त प्रदेश होगा। लेकिन यह तो उत्तर प्रदेश और रायबरेली के मतदाताओं की मर्जी का विषय है, कौन जाने उन्हें क्या और कौन पसन्द है!
बीजेपी ने उत्तर प्रदेश से कांग्रेस के आखिरी किले को ध्वस्त करने की रणनीति तैयार कर ली है। इस बार बीजेपी उत्तर प्रदेश के अमेठी के बाद रायबरेली से भी कांग्रेस को हराना चाहती है और इसे लेकर पार्टी ने बड़ी रणनीति तैयार की है। रणनीति के तहत ही बीजेपी ने अब तक रायबरेली से अपने उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है। बीजेपी पहले कांग्रेस के उम्मीदवार के नाम का इंतजार कर रही है, उसके बाद अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान करेगी। रायबरेली में गांधी परिवार से उम्मीदवार होगा तो बीजेपी उसके हिसाब से उम्मीदवार उतारेगी, उम्मीदवार गांधी परिवार से बाहर का हुआ तो उसके हिसाब से उम्मीदवार तय किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में अमेठी व रायबरेली गांधी परिवार का मजबूत गढ़ रहे हैं। पिछले लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने अमेठी से स्मृति ईरानी को उतार कर अमेठी के किले को ध्वस्त कर दिया था। उन्होंने राहुल गांधी को परास्त किया था। अमेठी के बाद रायबरेली में भी बीजेपी ने कांग्रेस को हराने के लिए रणनीति तैयार की है।
रायबरेली के लिए बीजेपी ने चार नेताओं के नाम पर चर्चा की है, इनमें मनोज पांडे, दिनेश शर्मा, अदिति सिंह और दिनेश प्रताप सिंह शामिल हैं।कांग्रेस गांधी परिवार से बाहर का उम्मीदवार देती है तो मनोज पांडे दावेदार हैं और गांधी परिवार से प्रियंका या राहुल गांधी चुनावी मैदान में आते हैं तो बीजेपी यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा या अदिति सिंह को चुनावी मैदान में उतार सकती है। प्रियंका गांधी के सामने महिला उम्मीदवार देने पर भी बीजेपी का विचार है। रायबरेली से अदिति सिंह के नाम पर चर्चा हुई है। अदिति सिंह के नाम को लेकर उत्तर प्रदेश के बड़े नेता ने पार्टी आलाकमान से सिफारिश भी की है।
सोशल मीडिया पर वरुण गांधी के नाम को लेकर भी चर्चा चल रही है। बीजेपी के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक बीजेपी वरुण गांधी से बहुत नाराज है।पार्टी नेताओं के मुताबिक वरुण गांधी को बीजेपी ने बहुत कुछ दिया, सबसे कम उम्र में पार्टी का महासचिव तक बना दिया लेकिन वरुण गांधी ने कई मौकों पर पार्टी को असहज कर दिया था। सूत्रों की मानें तो बीजेपी वरुण गांधी को चुनाव लड़ाना तो दूर उनसे पार्टी के लिए प्रचार तक कराने को तैयार नहीं। वरुण गांधी न पीलीभीत में पार्टी के चुनाव प्रचार में दिख रहे हैं और न अपनी मां मेनका गांधी के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं।
अदिति सिंह रायबरेली विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक हैं। अदिति सिंह पहली बार 2017 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुनी गई थीं। 2021 में वह बीजेपी में शामिल हो गई थीं। इसके बाद 2022 में बीजेपी के टिकट पर विधायक बनीं।अदिति सिंह के पिता अखिलेश कुमार सिंह भी रायबरेली सीट से पांच बार विधायक रहे थे।अदिति ने मसूरी और नई दिल्ली से तालीम हासिल की है।उच्च शिक्षा के लिए अमरीका गईं।उन्होंने ड्यूक विश्वविद्यालय से एमबीए किया है। अदिति सिंह के पति अंगद सिंह पंजाब के नवां शहर से ताल्लुक रखते हैं और पंजाब विधानसभा में कांग्रेस के विधायक हैं।उत्तर प्रदेश की रायबरेली लोकसभा सीट शुरू से कांग्रेस का मजबूत गढ़ रही है। सोनिया गांधी यहां से लगातार चार बार सांसद हैं। इस बार उन्होंने लोकसभा छोड़कर राज्यसभा से संसद में एंट्री ली है। रायबरेली सीट पर 19 बार चुनाव हो चुके हैं।बीजेपी को केवल दो बार जीत सकी है।रायबरेली सीट से दो बार फिरोज गांधी, दो बार इंदिरा गांधी, चार बार सोनिया गांधी सांसद रही हैं।कांग्रेस की शीला कौल रायबरेली से चार बार सांसद रहीं।