केके वर्मा, लखनऊ
योगी सरकार Yogi Govt पीसीएस PCS अधिकारियों की संपत्ति को लेकर सख्त हो गई है। पीसीएस अधिकारियों के लिए 31 जनवरी 2025 तक संपत्तियों का ब्यौरा देना अनिवार्य कर दिया गया है। इस अवधि तक ऑनलाइन सूचना न देने वाले अधिकारियों की पदोन्नति रोक दी जाएगी।
साथ ही, उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक अनुशासन एवं अपील नियमावली के तहत कार्रवाई भी की जाएगी। राज्य कर्मियों के लिए भी 31 जनवरी तक संपत्तियों का ब्योरा न देने पर पदोन्नतियां नहीं दी जाएंगी।
प्रमुख सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक एम देवराज ने शासनादेश जारी करते हुए सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश भेज दिया है। उत्तर प्रदेश सिविल सेवा कार्यकारी शाखा के अधिकारियों की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि के पुराने प्रारूप को निरस्त करते हुए उसके स्थान पर नया जारी किया गया है। नई व्यवस्था में वार्षिक निष्पादन मूल्यांकन रिपोर्ट निर्धारित करते हुए हर साल की 31 जनवरी तक निर्धारित प्रारूप पर वार्षिक संपत्ति विवरण नियुक्ति विभाग को देने की व्यवस्था की गई है।
31 दिसंबर 2024 तक अर्जित चल अचल संपत्ति का विवरण वेबसाइट sparrow-pcs.up.gov.in पर 31 जनवरी तक अनिवार्य रूप से देना होगा। इस अवधि तक संपत्तियों की जानकारी ऑनलाइन न देने पर इसे प्रतिकूल रूप में लिया जाएगा और एक फरवरी के बाद होने वाली डीपीसी में उनके नामों पर विचार नहीं किया जाएगा। जब तक ऑनलाइन संपत्तियों का ब्यौरा नहीं दे दिया जाएगा पदोन्नति के लिए उनके नामों पर विचार नहीं किया जाएगा।
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